मुजफ्फरपुर। केंन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि केन्द्र सरकार का मुख्य उद्देष्य लीची के विकास एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए शोध करके नई-नई किस्मों एवं तकनीकों का विकास करना तथा लीची संबंधी जानकारी को प्रसार विभाग को उपलब्ध कराना है। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यह बात मुसाहारी, मुजफ्फरपुर, बिहार में लीची प्रसंस्करण संयंत्र के उद्घाटन और सह प्रशिक्षण के अवसर पर कही।

The Union Minister for Agriculture and Farmers Welfare, Shri Radha Mohan Singh inaugurating the Litchi Processing Plant, at Muzaffarpur, Bihar on May 29
सिंह ने कहा कि बिहार लीची उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है, अभी बिहार में 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल से लगभग 300 हजार मीट्रिक टन लीची का उत्पादन हो रहा है। बिहार का देश के लीची के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान है। सिंह ने कहा कि बिहार के कुल क्षेत्रफल एवं उत्पादन में मुजफ्फरपुर जिले का योगदान बहुत अच्छा है परन्तु लीची उत्पादकता जो अभी लगभग 8.0 टन की है, उसे बढ़ाने की जरूरत है। इस दिशा में सभी सरकारी संस्थानों, सहकारी समितियों एवं किसानों को आगे आना होगा। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र एवं राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने लीची फल को उपचारित करके तथा कम तापमान पर 60 दिनों तक भंडारित करके रखने में सफलता पायी हैं। जिसका एक प्रसंस्करण संयंत्र भी विकसित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि यह तकनीक निश्चित रूप से लीची उत्पादकों एवं व्यापारियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी ।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक दिन-रात मेहनत करके उन्नत किस्मों और कृषि क्रियाओं का विकास कर रहे हैं जिसे राज्य सरकार, एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों और अन्य संस्थाओं द्वारा आम जनता तक पहुचाने की जरूरत है। अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से केन्द्र ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की Farmers First परियोजना का क्रियान्वयन पूर्वी चंपारण जिले में किया है जिसमें 8 गाँव (मेहसी प्रखंड-उझिलपुर, बखरी नजिर, दामोदरपुर गाव, चकिया प्रखंड- खैरवा, रामगढ़वा, विषनुपरा ओझा टोला-वैषहा एवं चिंतमानपुर-मलाही टोला गाव) के 1000 किसान परिवार अनेक तकनीकों का लाभ ले रहे हैं। परिषद की यह एक अनोखी पहल है जिसमें किसानों द्वारा ही उन्नत तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है। इसे और अधिक लोगों तक पहुचाने की जरूरत है।
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