बीजापुर। आयुष्मान भारत की सोच सिर्फ सेवा तक सीमित नहीं है बल्कि ये जनभागीदारी का एक आह्वान भी है ताकि हम स्वस्थ, समर्थ और संतुष्ट न्यू इंडिया का निर्माण कर सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़़ के बीजापुर में आम्बेडकर जयंती के मौके पर आयुष्मान भारत का शुभारंभ करते हुए उक्त बातें कहीं।उन्होंने कहा कि आज तो आयुष्मान भारत योजना के पहले चरण की शुरूआत हुई है। अब अगला लक्ष्य लगभग 50 करोड़ गरीब लोगों को गंभीर बीमारी के दौरान पांच लाख रुपये तक की, एक वर्ष में पांच लाख, आर्थिक सुरक्षा देने का है। इस पर बहुत तेजी से काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां इस मंच से देश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली, देश में सामाजिक असंतुलन खत्म करने वाली एक बहुत बड़ी योजना का शुभारंभ हुआ है। ‘आयुष्मान भारत’ इस योजना के पहले चरण को आज 14 अप्रैल, आम्बेडकर जी की जयंती के दिन इसी धरती से, छत्तीसगढ़ की धरती से, बीजापुर डिस्ट्रिक की धरती से, आज उसका प्रारंभ किया जा रहा है। उसके पहले चरण का प्रारंभ हुआ है। और पहले चरण में देश के प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों में बड़े बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत देश की हर बड़ी पंचायत में यानी लगभग डेढ़ लाख जगह पर, हिन्दुस्तान के डेढ़ लाख गांवों में sub-centre और primary health centers को Health and Wellness Centres के रूप में विकसित किया जाएगा। और मैं तो नौजवानों से कहता हूं कि mygov.in पर जा करके ये Health and Wellness Centre है। उसका हमारी सामान्य भाषा में क्या शब्दोंं प्रयोग करना चाहिए, मुझे सुझाव दीजिए, मैं जरूर उसका अध्ययन करूंगा। आज अभी तो नाम popular हुआ है Health and Wellness Centre लेकिन आगे चलकर गांव का गरीब एवं अनपढ़ व्यक्ति भी बोल सके, पहचान सके, ऐसा शब्द इस योजना को मैं देना चाहता हूं, लेकिन वो भी आपके सुझावों से देना चाहता हूं। गांव के लोगों के सुझाव से देना चाहता हूं।
सरकार का लक्ष्य इस काम को 2022 तक पूरा करने का है। आप कल्पना कर सकते हैं कितना बड़ा काम सिर पर लिया है। यानी जब देश आजादी के 75 साल का पर्व मना रहा होगा, तब तक देशभर में Health and Wellness Centre का एक जाल बिछा जा चुका होगा। इसमें भी उन 115 जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी जो अभी विकास की रेस में ओरों से थोड़ा पीछे हैं।
इन वेलनेस सेंटरों की जरूरत क्यों है? जब हम Health and Wellness Centre की बात करते हैं तब हमारा प्रयास सिर्फ बीमारी का इलाज करना नहीं है, बल्कि बीमारी को होने से रोकने का भी हमारा संकल्प है। हमारे देश में ब्लडप्रेशर हो, डायबिटीज, के मरीज बहुत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। हृदय रोग की बीमारी से जुड़ी समस्या, मधुमेह, डायबिटीज, सांस लेने में परेशानी, कैंसर; ये ऐसी बीमारियां हैं जिनके चलते 60 प्रतिशत लोगों की दुखद मौत इन्हीं चार बीमारियों के रहते होती है। लेकिन ये वो बीमारियां हैं जिनको समय रहते अगर पकड़ लिया जाए तो इनको बढ़ने से रोका जा सकता है।
अब Health and Wellness Centres को भी ये नई व्यवस्था खड़ी की जा रही है। उसके माध्यम से तमाम तरह की जांच भी मुफ्त में करने का भरसक प्रयास किया जाएगा।
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