केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाईक ने कहा कि योग ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को जोड़ा है। कानपुर में योग पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में श्री नाईक ने कहा कि योग भारत की पुरानी विरासत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से चार साल पहले संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पारित कर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का दर्जा दिया गया। श्री नाईक ने कहा कि दुनिया के 177 देशों ने न केवल इस प्रस्ताव का समर्थन किया बल्कि 21 जून, 2015 को अपने-अपने देशों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का बड़े पैमाने पर आयोजन किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रथम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाए। पहला दिल्ली में सबसे ज्यादा लोगों ने एक साथ योग किया और दूसरा कई देशों के लोगों ने दिल्ली में एक साथ योग किया।
श्री नाईक ने कहा कि सरकार ने योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद का विश्व व्यापार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं निहित हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद डॉ मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि योग और वैश्वीकरण को आपसी तालमेल के साथ मानवता के हित में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि योग शारीरिक अभ्यास ही नहीं है बल्कि यह स्वयं को जानने की साधना भी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज जो भी विसंगतियां और विषमताएं व्याप्त हैं योग उनका स्थायी समाधान करने में सक्षम है।
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