केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है और यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रत्यक्ष अनुग्रह और केन्द्र सरकार द्वारा विशेष जोर तथा प्रोत्साहन देने के कारण ही संभव हुआ है।
आज युवा स्टार्ट-अप समूह द्वारा पूर्वोत्तर पर्यटन ऐप का शुभारंभ करने के बाद इस समूह के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में हुई तेज प्रगति ने पर्यटकों को एक पसंदीदा छुट्टी गंतव्य के रूप में पूर्वोत्तर की ओर रूख करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा, उनके मंत्रालय ने पूरे देश में पूर्वोत्तर को प्रदर्शित करने का अभियान चलाया है, जिससे संभावित पर्यटकों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति गहरी रुचि पैदा हुई है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि गंगटोक, सिक्किम, शिलांग और मेघालय जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के गंतव्यों ने पिछले दो वर्षों के दौरान इतनी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया है, जिसके कारण ऐसे अवसर भी आए हैं, जब टूर ऑपरेटरों ने यहां आने वाले पर्यटकों को भीड़ कम होने तक अपनी यात्राओं को कुछ दिनों तक स्थगित करने की सलाह दी थी। यहीं नहीं, बल्कि “गृह पर्यटन” में भी बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है, जिससे युवाओं सहित स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के नए रास्ते खुले हैं।
उन्होंने कहा कि असम में माजुली द्वीप को विश्व धरोहर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है और अरुणाचल प्रदेश में अनेक खूबसूरत स्थलों पर भी अचानक ध्यान केन्द्रित हुआ है। ऐसा अरुणाचल प्रदेश के साथ रेल लिंक होने से हुआ है और जल्द ही इटानगर में हवाई अड्डा स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थापित की गई पहुंच ने पूरे देश में युवाओं के मन के तार को स्पर्श किया है।
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