हम सभी के साथ ऐसा कई बार होता है जब हम अपनी काम की वजह से अपनी पसंदीदा काम को नहीं कर पाते और रोजीरोटी कमाने में लगे रहते है | हमारे पसंदीदा कलाकार भी अपने बेहद व्यस्त शूट दिनचर्या की वजह से कुछ इस तरह की ही स्थिति का सामना करते हैं। मगर कलकार के ख़ुशी का ठिकाना तब तो और नहीं होता है जब शूट के दौरान उनको उनके हॉबी को भी पूरा करने का मौक़ा मिल जाता है | कुछ ऐसा ही तोरल रासपुत्रा के साथ मेरे साई के सेट पर हुआ जहा तोरल को उनकी हॉबी पूरा करने का मौक़ा मिला |
हाल ही में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के ‘मेरे सांई’ के सेट पर बाइजा का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री तोरत रसपुत्रा ने सिलाई के अपने लाजवाब कौशल का प्रदर्शन दिखाने का मौका मिला। इसमें एक शूट सीक्वेंस था, जहां गणपतराव (सिद्धांत कार्निक) के ड्रामा के परिधान खराब हो जाते हैं। गणपतराव काफी चिंतित है कि नाटक के लिए नए कपड़ों की व्यवस्था कैसे की जाए। वह कपड़े सिलने में उसकी मदद करने के लिए गांव के बच्चों से मदद मांगता है, लेकिन वे बच्चे उसकी सहायता करने में असक्षम हैं। ये बच्चे एक समाधान देते हैं और नए कपड़े सिलने में उसकी मदद करने के लिए गांव की महिलाओं से कहते हैं। सभी महिलाएं साथ आती है और कपड़े सिलने में गणपतराव की मदद करना शुरू कर देती हैं। इस सीक्वेंस की शूटिंग करते हुए, तोरल सिलाई में इतना मग्न हो जाती हैं कि वह असल में इस सीक्वेंस में इस्तेमाल होने वाली एक साड़ी में सुंदर कढ़ाई का काम करती है ! यहां तक कि इस सीक्वेंस के पूरा होने के बाद भी, तोरल साड़ी पर काम करना जारी रखती हैं। यह काम इतना सुंदर रहता है कि हर कोई उनके सिलाई कौशल की प्रशंसा करने लगा।
तोरल रसपुत्रा, “जब मैं स्कूल में थी, तो सुई का काम मेरा पसंदीदा विषय था। लेकिन जैसे—जैसे समय बीतता गया, मैं अपनी पढ़ाई में और फिर अपने करियर में व्यस्त हो गई। मुझे सिलाई करने या एम्ब्रॉयडरी में अपना हाथ आजमाने के लिए समय नहीं मिल पाता था। तो जब हम इस खास सीक्वेंस की शूटिंग कर रहे थे, तो मैं बिल्कुल खुश हो गई थी जैसे कि मुझे मेरा खोया हुआ प्यार मिल गया हो। यहां तक कि जब यह सीक्वेंस पूरा हुआ, तो मैंने सुनिश्चित किया कि मैं साड़ी पर उस काम को पूरा करूं। मुझे खुशी है कि यह सबको पसंद आया। इससे मैं बहुत खुश थी!”
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