श्रम एवं रोजगार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने विश्वकर्मा जयंती पर सभी को बधाई दी और कहा कि कामगार आधुनिक भारत के निर्माता हैं।
उन्होंने आज नयी दिल्ली में एक विशेष आयोजन में 139 विजेताओं को साझा तौर पर 28 विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और 128 विजेताओं को राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर श्री गंगवार ने कहा कि देश में 6 करोड़ कामगार संगठित क्षेत्र में हैं जिन्हें ईपीएफओ और ईएसआईसी के लाभ मिल रहे हैं। और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उन 40 करोड़ कामगारों के लिये विशेष रूप से चिंतित हैं जो कि असंगठित क्षेत्र में हैं। केंद्र सरकार ने इन कामगारों की काम की परिस्थितियों, सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा एवं इनके जीवन स्तर में सुधार के लिये अनेक कदम उठाये हैं।
राज्य सरकारों द्वारा भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के लिये 40 हजार करोड़ रु. की राशि एक अधिभार के जरिये एकत्रित की गयी है और राज्य सरकारों द्वारा इस राशि का उपयोग भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों के कल्याण के लिये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार महिला कामगारों की भलाई और सुरक्षा के लिये विशेष तौर पर चिंतित है। हाल ही में 50 या इससे ज्यादा कामगारों वाले प्रतिष्ठानों के लिये शिशुगृह की व्यवस्था को अनिवार्य बना दिया गया है। और मातृत्व अवकाश को 12 से बढ़ाकर 26 सप्ताह का कर दिया गया है। करीब 14 लाख आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय 3 हजार से बढ़ाकर साढ़े चार हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसी भांति आंगनवाड़ी सहायकों का मानदेय 1,500 से बढ़ाकर 2,250 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
श्री गंगवार ने कहा कि उनका मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना की मदद से रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। नये कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि के लिये 12% की राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है ताकि नियोक्ता पर नये कर्मचारी रखने पर दबाव ना पड़े और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके। सरकार ने 87,000 संस्थानों में 72 लाख कर्मचारियों की भविष्य निधि के अंश के तौर पर 1,744 करोड़ रु. का भुगतान किया है।
मंत्रालय के सचिव श्री हीरालाल समारिया ने सभी संस्थानों के प्रबंधन से कामगारों के कौशल विकास के लिये प्रयास करने को कहा है। मंत्रालय 1965 से ही विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार (पहले इन्हें राष्ट्रीय श्रमवीर पुरस्कार के नाम से जाना जाता था) और राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार प्रदान कर रहा है। नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र के साथ तीन श्रेणियों में 28 विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये गये हैं – क श्रेणी के पांच पुरस्कार जिसमें प्रत्येक विजेता को 75,000 रु. और ख श्रेणी के आठ पुरस्कार जिसमें प्रत्येक विजेता को 50,000 रु. और ग श्रेणी में 25,000 रु. प्रत्येक के साथ 15 पुरस्कार।
औद्योगिक उपक्रमों, निर्माण स्थलों, पत्तनों और परमाणु ऊर्जा नियामक आयोग के तहत आने वाले संस्थानों में संरक्षा के अद्भुत कार्य को मान्यता देने के लिये राष्ट्रीय संरक्षा पुरस्कार दिये जाते है ताकि कामगारों एवं प्रबंधन दोनों को ही दुर्घटना से बचाव के लिये प्रोत्साहित किया जा सके। 2016 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये 12 श्रेणियों में कुल 128 पुरस्कार दिये गये जिसमें 76 विजेता एवं 52 उप-विजेता हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव श्रीमती अनुराधा प्रसाद, कामगार संगठनों के प्रतिनिधि और पुरस्कार विजेताओं के परिजन और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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