नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के बजट में गरीब और मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण को तरजीह दी गई है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 53,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। सिसौदिया ने कहा कि इस बार के बजट में गरीब और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान रखा गया है। मौजूदा बजट पिछले वित्त वर्ष के बजट से 19.45 प्रतिशत अधिक है। पिछला बजट 44,370 करोड़ रुपये का था। उन्होंने बजट को हरित बजट बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए 26 प्वाइंट कायर्क्रम को सदन में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में दिल्ली का बजट 30,900 करोड़ बढ़ाया गया है।
बजट में शिक्षा के लिए करीब 14000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो कुल बजट का 26 फीसदी है। बजट में शिक्षा के लिए 13997 करोड़ रुपये आवंटित किए गये हैं। यह कुल बजट की 26 फीसदी राशि है। पिछले बजट में यह 23.5 फीसदी थी। सिसोदिया ने कहा कि इस राशि से शैक्षिक ढांचे में वृद्धि की जाएगी। 12748 नए क्लास रूम और 30 नई स्कूल बिल्डिंग बनाने की योजना है। बच्चों को निराशा से बचाने, खुश रखने और स्वस्थ मस्तिष्क के निर्माण के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूल में नया पाठ्यक्रम लाया जाएगा। मिशन बुनियाद योजना में दिल्ली सरकार और नगर निगम के स्कूलों में रीडिंग और मैथ स्किल डेवलपमेंट के लिए मई-जून से आभयान चलाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस प्रारंभ किये जाएंगे। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। खेलों के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावदान किया गया है।
नगर निगम को बजट में 13 फीसदी का आवंटन किया गया है। नगर निगम की टूटी सड़कों के लिए एक हजार करोड़ का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए अलग से एक हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य के लिए इस बार के बजट में 6700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिल्ली सरकार ने किया है। इसके लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मोहल्ला क्लीनिक और पाली क्लीनिक की स्थापना के लिए 403 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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