पटना। बिहार में तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच नीतीश कुमार छठी बार मुख्यमंत्री बन गये। अपने त्यागपत्र देने के महज 15 घंटे बाद साथी बदल कर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उधर आरजेडी ने कहा है कि वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
बुधवार की शाम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ महागठबंधन से उनका रिश्ता भी टूट गया। इस्तीफे के बाद भाजपा ने समर्थन देने के साथ ही सरकार में शामिल होने की घोषणा भी कर दी। देर रात नीतीश कुमार ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर भाजपा के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था। नीतीश ने भाजपा के साथ चौथी बार सरकार बनायी है। वृहस्पतिवार प्रातः दस बजे नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। बुधवार शाम लगभग छह बजे उन्होंने इस्तीफा सौंपा था।

नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण करने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशाल कुमार मोदी ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कैबिनेट के विस्तार की संभावना नीतीश के विश्वास मत हासिल करने के बाद होने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि जदयू और भाजपा से 14-14 मंत्री शामिल किये जाएंगे। विधानसभा में जदू के 71 और भाजपा के 68 सदस्य हैं।

शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्मंयमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह फैसला उन्होंने बिहार के विकास के लिए लिया है। और आगे भी इस तरह के फैसले बिहार के हित में लेते रहेंगे। बिहार को तरक्की के रास्ते पर ले जाएंगे।
उधर नीतीश कुमार की महागठबंधन की सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव ने कहा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें पहले सरकार बनाने के लिए बुलाना चाहिए था। नीतीश को सरकार बनाने के लिए समर्थन पत्र देने की जल्दी क्या थी।







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