नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती का राज्यसभा से दिया गया इस्तीफा गुरुवार को स्वीकार कर लिया गया है। मायावती ने पहले तीन पेज का इस्तीफा लिखकर दिया था लेकिन अब निश्चित फार्मेट में इस्तीफा देने के कारण उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने स्वीकर कर लिया।
मायावती ने मंगलवार को सदन में अपनी बात नहीं सुने जाने की बात कहते हुए तीन पेज का इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह जिस समाज से आती हैं उसकी बात ही सदन में नहीं रख पा रही हैं। इसलिए सदन में बने रहने का उनका कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने सहारनपुर हिंसा की बात सदन में उठायी थी। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने उनका समर्थन किया था। वैसे मायावती का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2018 में पूरा रहा है। उनके इस्तीफे को एक राजनीतिक चाल के तौर पर भी देखा गया था। मायावती के इस्तीफे के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वह मायावती को बिहार से राज्यसभा का सदस्य बनवाएंगे। ऐसा माना जाता है कि मायावती के राज्यसभा पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश में पर्याप्त बहुमत मिलना मुश्किल है।
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