इस पुल से 60 टन तक का युद्ध टैंक आराम से गुजर सकेगा। ब्रह्मपुत्र नदी पर बने 9.15 किलोमीटर लंबे ढोला-सदिया पुल का उद्घाटन कर पीएम नरेंद्र मोदी एनडीए सरकार के तीन साल के जश्न की शुरुआत करेंगे। इस पुल को भारत की ओर से चीन सीमा पर अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की तैयारी के तौर पर बनाया जा रहा है। मोदी सरकार असम और अरुणाचल जैसे चीन से सटे पूर्वोत्तर राज्यों में एयर और रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर जोर देने किम कोशिश रही है ताकि लोगों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके।
भारत में अब तक बांद्रा-वर्ली सी लिंक को ही सबसे बड़े पुल का दर्जा मिला हुआ था, लेकिन अब यह पुल इससे भी 3.55 किलोमीटर लंबा होगा। असम के चीफ मिनिस्टर सर्बानंद सोनोवाल ने बताया, “रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण इस पुल को पीएम नरेंद्र मोदी 26 मई को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस पुल से पूर्वोत्तर क्षेत्र में रोड कनेक्टिविटी मजबूत होगी। डिफेंस फोर्सेज के अलावा असम और अरुणाचल के लोगों के लिए भी यह पुल बेहद उपयोगी साबित होगा।”
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करीब 950 करोड़ रुपये से बने इस पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था। इस पुल के डिजाइन को कुछ इस तरह बनाया गया है, जिससे मिलिट्री टैंक्स की आवाजाही आसान हो। सोनोवाल ने कहा,
“भारत के लिए असम और अरुणाचल प्रदेश रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह पुल चीन के नजदीक है, ऐसे में इससे हमारे सैनिकों और हथियारों की आवाजाही आसान हो सकेगी।”
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