1 अक्टूबर से भारत में ऑनलाइन पेमेंट का तरीका बदलने वाला है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऑनलाइन लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम जारी करने वाला हैं।
इन नियमों का सीधा असर ग्राहकों और व्यवसायों दोनों पर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो सब्सक्रिप्शन-आधारित सेवाओं का उपयोग करते हैं, जैसे कि ओटीटी प्लेटफॉर्म, या म्यूजिक स्ट्रीमिंग।
RBI ने एक नई गाइडलाइन जारी की क्या है वो

RBI ने 1 अप्रैल 2026 से क्रेडिट या डेबिट कार्ड से होने वाले सभी रिकरिंग ट्रांजैक्शन यानी कि स्वचालित मासिक या वार्षिक भुगतान के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता होगी. इसका मतलब है कि अब बिना आपकी मंजूरी के कोई भी ऑटोमैटिक पेमेंट नहीं हो पाएगा।
इस गाइडलाइन के अनुसार बैंक से ग्राहकों को हर रिकरिंग पेमेंट से 24 घंटे पहले एक नोटिफिकेशन भेजना होगा इस नोटिफिकेशन में ट्रांजैक्शन अमाउंट, तारीख और जिस कंपनी को भुगतान किया जा रहा है,
उसकी जानकारी होगी. ग्राहक को इस नोटिफिकेशन पर अपनी मंजूरी देनी होगी. अगर ग्राहक ऐसा नहीं करेगा तो ट्रांजैक्शन नहीं होगा।
नई गाइडलाइन से सीधा ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा

हालांकि यह नई गाइडलाइन यूजर्स के लिए फायदेमंद है क्योंकि यह यूजर के पैसे को सुरक्षित रखेगा।अब हर ट्रांजैक्शन के लिए ग्राहक की मंजूरी जरूरी होगी।
सेफ्टी और फास्ट पेमेंट

RBI का यह कदम डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह बहुत ही सकारात्मक कदम जा रहा है। इससे ग्राहकों के पैसे सैफ रहेंगे और भले ही शुरू में कुछ लोगों को इस प्रोसेस से थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
लेकिन आगे के लिए यह प्रोसेस बहुत अच्छा साबित होगा। इस गाइडलाइन से ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी को कम करेगा।
SHIVAM SINGH
BJMC 3







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