19 June 2020,Shivani Rajwaria
गलवान घाटी पर भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए तना खड़ा है। भारत कि देशवासी चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए आगे बढ़ चढ़कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं अपने अपने देश के जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए चीनी सामान का बहिष्कार किया जा रहा है वहीं भारतीय गुप्तचर एजेंसियों ने भी भारतीय सरकार को जानकारी दी है कि इस समय भारत में यूजर्स द्वारा धड़ल्ले से उपयोग हो रहे 52 चीनी एप्स सुरक्षा के लिए खतरा हैं। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार को इस पर पाबंदी लगानी चाहिए या नागरिकों को इन 52 एप्स का उपयोग करना बंद करना चाहिए। गुप्तचर एजेंसियों का कहना है कि ये एप्स सुरक्षित नहीं हैं और इनके माध्यम से बड़े पैमाने पर भारतीयों की सूचनाएं दूसरे देशों में भेजी जा रही हैं। एजेंसियों द्वारा सरकार को भेजी गई एप्स की सूची में टिक-टॉक के साथ ही यूसी ब्राउजर, एक्जेंजर, शेयरइट, क्लीन मास्टर आदि का समावेश है।
भारतीय गुप्तचर एजेंसियों द्वारा तैयारी की गई सूची और इन ऐप्स पर पाबंदी लगाने के सुझाव का राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने समर्थन किया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि ये ऐप्स भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं इसकी जानकारी सरकार को मिली है। इस विषय पर फिलहाल चर्चा जारी है। विदेशों में प्रतिबंधित किये गये कुछ वीडियो कॉलिंग ऐप्स के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल में चेतावनी दी थी। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रणाली की सलाह के बाद ये चेतावनी जारी की गई थी। यूजर्स की सुरक्षा के बारे में गंभीरता से विचार नहीं करने वाले मोबाइल ऐप्स पर पाबंदी लगाने की मांग समय-समय पर होती रही है। लेकिन कंपनियों ने इन सारे आरोपों को गलत बताया है।अगर दुनिया भर में मशहूर टिक टॉक ऐप की बात करे तो टिक टॉक एक चाईनीज ऐप है जिसके यूजर्स सबसे ज्यादा भारत में है। भारत टिक टॉक का इस्तेमाल करने में सबसे ऊपर टॉप लिस्ट में शामिल है।अभी हाली में इसके कुछ भड़काऊ विडियोज को लेकर कारवाही की भी मांग की जा रही थी।कई बार इस ऐप का बहिष्कार करने की मांग उठ चुकी है।ऐसा कहा जाता है। चीनी कंपनियों द्वारा बनाये गये ऐप्स या चीन की कंपनियों की मदद से बाजार में आये हुए ऐप्स हेराफेरी तथा मालवेयर फैलाने के लिए उपयोग किये जाते है। इसके सुरक्षा विभाग से जुड़े लोगों को ये ऐप्स उपयोग नहीं करने चाहिए ऐसी सलाह भी पहले दी जा चुकी है।पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने अनेक बार खुलकर कहा है कि चीनी कंपनियों के स्वामित्व वाले ऐप्स का उपयोग करना खतरनाक है।
बहिष्कार की कतार में चीनी खतरनाक ऐप्स की सूची इस प्रकार है…
TikTok
Vault-Hide
Vigo Video
Bigo Live
Weibo
WeChat
SHAREit
UC News
UC Browser
BeautyPlus
Xender
ClubFactory
Helo
LIKE
Kwai
ROMWE
SHEIN
Zoom
NewsDog
Photo Wonder
APUS Browser
VivaVideo- QU Video Inc
Perfect Corp
CM Browser
Virus Cleaner (Hi Security Lab)
Mi Community
DU recorder
YouCam Makeup
Mi Store
360 Security
DU Battery Saver
DU Browser
DU Cleaner
DU Privacy
Clean Master – Cheetah
CacheClear DU apps studio
Baidu Translate
Baidu Map
Wonder Camera
ES File Explorer
QQ International
QQ Launcher
QQ Security Centre
QQ Player
QQ Music
QQ Mail
QQ NewsFeed
WeSync
SelfieCity
Clash of Kings
Mail Master
Mi Video call-Xiaomi
Parallel Space
चीन के खिलाफ भारत कड़े आर्थिक फैसले लेने से नहीं चूकेगा।उन प्रोजेक्ट को रद्द किया जा सकता है, जिनमें चीनी कंपनियों का करार है इनमें मेरठ रैपिड रेल का प्रोजेक्ट भी शामिल है, जिसकी बिड चीनी कंपनी ने हासिल की है.
बताया जा रहा है कि चीना सीमा पर विवाद के बाद भारत सरकार ने उन प्रोजेक्ट की समीक्षा शुरू कर दी है, जो चीनी कंपनियों को दी गई है. इसमें दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट भी है. सरकार की ओर से बिड को कैंसिल करने के लिए सभी कानूनी पहलुओं को देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बिड को सरकार रद्द कर सकती है।यह प्रोजेक्ट में दिल्ली-मेरठ के बीच सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनना है. इस प्रोजेक्ट से दिल्ली, गाजियाबाद होते हुए मेरठ से जुड़ेगी. 82.15 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस में 68.03 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड और 14.12 किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा. इस प्रोजेक्ट से मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जाने वालों को खासा फायदा होगा.
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