5 जनवरी, 2020 शबाना बानो
देश में हुए जमकर विरोध का दौर अभी थमा नहीं और वही पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम के इस बयान को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा की एनआरसी, एनपीआर और सीएए सभी एक सिक्के के दो पहलू है. उन्होंने कहा कि एनआरसी के कारण 19 लाख लोगों से अधिक लोगों की नागरिकता चली गई और सरकार को अभी भी लगता है कि कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार में एनपीआर लाया गया था, लेकिन वह जनगणना के लिए था, लेकिन मौजूदा इस मुद्दे पर आगे बढ़ती जा रही है उन्होंने साथ ही कांग्रेस पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने के आरोप लग रहे आरोपों को खारिज करार दिया , और कहा की वे अपनी मर्जी से हमारे समर्थन में उतर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि एनपीआर एनआरसी सीएए यह सभी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं एनपीआर स्पष्ट रूप से एनआरसी से जुड़ा हुआ है. गृह मंत्री क्यों नहीं कहते कि हम एनपीआर कर रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘हम सीएए के खिलाफ विरोध नहीं भड़का रहे, हम सीएए के खिलाफ विरोध का मंच तैयार कर रहे हैं और हमें इस पर गर्व है. वे हमें उत्तेजक क्यों कह रहे हैं? यदि छात्र, युवा, महिलाएं हमारा समर्थन कर रहे हैं और सड़कों पर आ रहे हैं, इसमें गलत क्या है.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को यह भी कहना चाहिए कि हम एनआरसी नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारे पास असम एनआरसी का कड़वा अनुभव है. जब हमने 2010 में एनपीआर किया तब असम एनआरसी नहीं हुई. हमारा 19 लाख से अधिक लोगों के स्टेटलेस होने का कड़वा अनुभव नहीं था.’
चिदंबरम, एनपीआर स्पष्ट रूप से से जुड़ा हुआ है. गृह मंत्री ने यह क्यों नहीं कहा कि हम एनपीआर कर रहे हैं, हम एनआरसी नहीं करेंगे. उन्हें स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि एनआरसी को खारिज कर दिया गया है.’
बता दें , जब से एनआरसी एनपीआर जिन लोगों के के सामने आया है तब से ही बवाल मचा हुआ है अब सवाल यह उठता है कि सरकार इस मामले में कितना अपने आपको जो सही साबित करने की कोशिश में लगी हुई है क्या वह सही है या यह जनता की भूल है.
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