22,दिसंबर 2019 नीतीश पाठक
हर साल पूरे वर्षभर में दो ऐसी खगोलीय घटनाएं होती है। जिसमें साल के एक दिन तो सबसे बड़ा दिन होता है वहीं साल का एक दिन सबसे छोटा दिन माना जाता है। इस साल 22 दिसंबर यानि रविवार को साल का सबसे छोटा दिन होगा।
हर साल पूरे वर्षभर में दो ऐसी खगोलीय घटनाएं होती है। जिसमें साल के एक दिन तो सबसे बड़ा दिन होता है वहीं साल का एक दिन सबसे छोटा दिन माना जाता है। इस साल २२ दिसंबर यानि रविवार को साल का सबसे छोटा दिन होगा।
जिसमें सूर्य पृथ्वी पर कम समय के लिए उपस्थित होता हैं तथा चंद्रमा अपनी शीतल किरणों का प्रसार पृथ्वी पर अधिक देरी तक करता हैं। इस खगोलीय घटना को विंटर सोलस्टाइस के नाम से भी जाना जाता हैं। ज्योतिषाचार्य व पं चन्द्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि इस दिन सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करेगा तथा इसदिन से शिशिर ऋतु शुरू हो जाएगी। इस दिन सूर्य की पूजा व दान-पुण्य किया जाता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेईस डिग्री झुकी हुई हैं, जिसके कारण सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलाद्र्ध से अधिक हो जाती हैं और सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक हो पाता हैं। कहा जाता हैं कि 22 दिसम्बर के दिन सूर्य जिसे सौरमंडल का मुखिया कहा जाता हैं, वह दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता हैं।
साल का सबसे छोटा दिन 22 दिसम्बर के दिन सूर्य देवता मकर रेखा के लंबवत होते हैं तथा कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करते हैं। जिसके कारण इस दिन सूर्य अस्त शीघ्र हो जाता हैं और चंद्रमा जल्दी उपस्थित हो जाता हैं। इस दिन से सर्दी का असर तेज इस दिन से सर्दी बढऩी शुरू हो जाती हैं।
हर वर्ष सर्द ऋ तु में होनी वाली यह खगोलीय घटना किसानों के लिए बहुत ही फ ायदेमंद हैं। 21 दिसम्बर के दिन से सर्दी का प्रभाव अधिक होता हैं, जिसके कारण रात के समय ओस की छोटी-छोटी बूंदे फ सलों पर पड़ती हैं, जिसके कारण फ सलों में नमी बनी रहती हैं और गेहूं और चने की फसल जो शीत ऋतु की प्रमुख फसलें हैं, फसलों की पैदावार अधिक होती हैं।

साल का अंतिम खंडग्रास सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को होगा। यह सुबह ८:१० से शुरू होगा जिसका मोक्ष 10 : 51 बजे होगा। यह ग्रहण देशभर में दिखाई देगा। इसका सूतक काल 25 दिसंबर रात 7:10 बजे से ही शुरू हो जाएगा। ग्रहण काल के दौरान शहर में भजन, कीर्तन, सत्संग, जाप के अनुष्ठान होंगे।

साथ ही हवन में आहुतियां दी जाएगी। मोक्ष होने के बाद लोग दान-पुण्य करेंगे। इसी दिन तीर्थ स्थल पर स्नान का महत्व बताया गया है। ग्रहण का राशियों के आधार पर अलग-अलग प्रभाव रहेगा। भारत के अलावा रूस, इरान, पाकिस्तान, मलेशिया सहित देशों में भी ग्रहण दिखाई देगा।







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