7 दिसंबर 19,शिवानी पाल
चीन में उइगर एवं अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर दुनिया के कई देशों ने समय-समय पर कड़ा ऐतराज जताया है। फ्रांस ने भी बुधवार को चीन से दो टूक कहा कि वह शिनजियांग में बड़े पैमाने पर लोगों को मनमाने तरीके से हिरासत में लेना बंद करे। आपको बता दें कि हाल ही में चीनी सरकार के लीक हुए दस्तावेजों में देश के शिनजियांग प्रांत में मुसलमान अल्पसंख्यकों पर की गई कार्रवाई पर नई रोशनी डाली थी।
चीनी सरकार की लीक हुई इस रिपोर्ट से पता चला कि खुद चीनी राष्ट्रपति शिजिनपिंग ने अधिकारियों को अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ ‘जरा भी दया न’ दिखाने का आदेश दिया था। दरअसल, चीन ने करीब 10 लाख उईगर मुस्लिमों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को ऐसे शिविरों में रखा है जिन्हें बीजिंग वोकेशनल स्कूल (व्यावसायिक विद्यालय) कहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम चाहते हैं कि चीन मनमाने तरीके से लोगों को हिरासत में लेना बंद करे।’
फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां वेस ले ड्रायन ने कहा कि चीन इन शिविरों को बंद करे और UN के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त को जल्द से जल्द शिनजियांग जाने दे ताकि वह वहां के हालात के बारे में वह रिपोर्ट दे सकें। शिविरों के बारे में हाल ही में पता चला जब इनसे जुड़े दस्तावेज चीन के राजनीतिक प्रतिष्ठान से जुड़े एक सदस्य से लीक हो गए थे। चीन ने शुरू में इन नजरबंदी शिविरों के आस्तित्व से इनकार किया लेकिन बाद में अपने रूख में बदलाव करते हुए कहा कि ये व्यावसायिक विद्यालय हैं जिनका उद्देश्य शिक्षा और प्रशिक्षण के जरिए इस्लामिक कट्टरपंथ से मुकाबला करना है।
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