17 नवम्बर 2019,नीतीश पाठक
संसद में सोमवार से शुरू होगा शीतकालीन सत्र। इस सत्र में सरकार नागरिकता संशोधन विधयेक समेत 35 विधयक लाने जा रही है।
क्या मानसून सत्र के विधयेको का रिकॉर्ड शीतकालीन सत्र में टूट सकता है?
संसद में सोमवार से यानि कल से शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है जो 13 दिसंबर तक चलेगी।मोदी की सरकार ने इस बार स्पष्ठ संकेत दे दिए है की इस बार उनका लक्ष्य नागरिकता संशोधन विधेयक को पास कराना है।
इस विधेयक का सभी विपक्षी दल मानवाधिकार कार्यकर्त्ता विरोध कर रहे है लेकिन माना जा रहा है सरकार इस विधेयक को पास कराने की पूरी कोशिश करेगी।
विवादित नागरिकता संशोधन विधयेक में प्रावधान है की इक्छुक गैर मुश्लिम बांग्लादेशी,पाकिस्तानी और अफ़ग़ानिस्तान भारतीय नागरिकता पा सकेंगे।
पहली बार सरकार ने 19 जुलाई 2016 को यह विधयेक पेश किया था,जिसे अगस्त में संसदीय समिति को भेज दिया गया था।समिति ने जनवरी 2019 अपनी रिपोर्ट दी।
कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा की पार्टी अपने कहे पर कायम है इस विधयेक के कानून बनने का विरोध करेगी,क्योकि इसमे धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने का प्रवधान है जो की संविधान के खिलाफ है।
बीते मानसून सत्र में 30 विधयेक पास हुए थे जो की स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक के सबसे अधिक है।ऐसा माना जा रहा की इस बार भी संसद की कार्यवाही तेज होगी और मानसून सत्र का रिकॉर्ड टूट सकता है।
अब देखना यह दिलचस्प होगा की जिस तरह से मानसून सत्र के दौरान सरकार ने विशेष विधेयक लाकर जम्मू-कश्मीर पर लागु अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था क्या उसी प्रकार इस सत्र में नागरिकता संसोधन विधेयक में भी होगा?
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