7 नवंबर 2019,ज्योति सिंह
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर फैसले की घड़ी है जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखने वाली एजेंसी अभी पूरी तरह से मुस्तैद हो रही है, अयोध्या पर फैसले से पहले उत्तर प्रदेश अलर्ट पर है,अयोध्या से लेकर काशी और मथुरा तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए, और प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है ,सोशल मीडिया पर खास नजर रखी जा रही है, जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि, अयोध्या पर सर्वोच्च अदालत का जो भी फैसला होगा उसे मुसलमान कुबूल करेंगे , मदनी ने इसके साथ यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद कानून और न्याय की दृष्टि में एक मस्जिद थी, और करीब 400 साल तक मस्जिद ही थी, इसीलिए शरीयत के लिहाज से फैसला आज भी वह एक मस्जिद है और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी साथ ही साथ मौलाना अरशद मदनी ने यह भी कहा है कि कानून हमारा है, सुप्रीम कोर्ट हमारी है, हमने वहां अपने सबूतों को पेश किया है जो भी कानूनी फैसला होगा हम उस फैसले का इस्तकबाल करेंगे, अयोध्या पर अदालत के फैसले को मानने के मुस्लिम संगठनों के पहल और शांति बनाए रखने की बीजेपी ने भी अपील की, उम्मीद है कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर से पहले फैसला दे सकता है सुप्रीम कोर्ट के आगामी फैसले को देखते हुए आरएसएस ने भी सभी से आपसी सौहार्द बनाए रखने और कोर्ट के फैसले को मानने की अपील की थी,
अब देखने वाली बात यह होगी कि फैसला किस पक्ष में आता है? और प्रधानमंत्री जी के निर्देश का कितना पालन होता है?
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