28 नवंबर 2019 कौशलेंद्र राज शुक्ला
उद्धव ठाकरे आज शाम 6.40 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही इतिहास रच देंगे. लेकिन ठाकरे परिवार के पहले सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री बनने जा रहे उद्धव के बारे में क्या आप जानते हैं कि वो करीब 35-40 साल पहले क्या करते थे? मुंबई के प्रभादेवी इलाके की संजय सोसाइटी की एक दुकान से खुद का डिस्प्ले एडवरटाइजिंग का कारोबार करते थे. उद्धव सुबह 10 बजे कार्यस्थल पर आते थे और शाम को 7 बजे वहां से निकलते थे.
संजय सोसाइटी के ही रहने वाले सुधीर मुंगेकर उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं, ‘खाली वक्त में उद्धव बिल्डिंग के लोगों से बात करते थे. उन्होंने कभी किसी को ये नहीं बताया था कि वो बाल ठाकरे के बेटे हैं. वो बहुत ही विनम्र और मृदुभाषी हैं. असल में लोग ही उत्सुकतावश उन्हें देखने आते थे कि वो बाला साहेब के बेटे हैं. खुद अपने मुंह से उन्होंने किसी से नहीं कहा कि वो बाल ठाकरे के बेटे हैं.’
सोसाइटी के ही विजयनाथ शेट्टी कहते हैं, ‘जब छोटे बच्चे क्रिकेट खेलते थे और बॉल उद्धव की दुकान के अंदर चली जाती थी, तो बच्चे वहां जाने से डरते थे. लेकिन उद्धव खुद हंसते हुए बॉल वापस कर देते थे.’
‘राजनीति पर बात नहीं करते थे उद्धव’
मुंगेकर के मुताबिक, ‘उन दिनों उद्धव कभी राजनीति पर बात नहीं करते थे. वो लोगों से बात तो करते थे लेकिन कभी राजनीति पर नहीं. उन दिनों वो सिर्फ फोटोग्राफी और प्रकृति पर बात करते थे. आज भी जब कभी उद्धव इस सड़क से गुजरेंगे तो वो थोड़ा रूक कर जरूर हाल पूछेंगे.’
शेट्टी ने कहा, ‘उन दिनों उद्धव झोले के साथ कुर्ता पहनते थे. उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी. उनके चेहरे पर कहीं किसी तरह का दंभ नहीं दिखता था. वो यहां टैक्सी से आया करते थे.’ उद्धव ने इस दुकान को 5 से ज्यादा साल तक अपने पास रखा. बाद में उन्होंने इस कारोबार को बंद कर दिया.’
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