ऐसे काफी लोग होते है जो अपनी तकलीफे छुपाने के लिये अपनी मुस्कान का सहारा लेते है , जिसे स्माईलिंग डिप्रेशन भी कहते है,
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो ऐसा कोनसा गम है जो तुम छुपा रहे हो । जगजीत सिंह की गाई ये गजल तो लाजवाब है लेकिन क्या आप जानते है की इस स्थिति में लोग तभी आते है जब वो डिप्रेशन का शिकार हो. इस तरह के डिप्रेशन को ही स्माईलिंग डिप्रेशन कहा जाता है. स्माइलिंग डिप्रेशन में इंसान बाहर से तो खुश नजर आता है लेकिन अंदर से दर्द से भरा रहता है.
आम तोर पर माना जाता है कि डिप्रेशन का मतलब रोना, चीखना, चिल्लाना और अकेलापन है, लेकिन ये समझना भी जरूरी है कि एक हंसता, खिलखिलाता चेहरा भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता है.
क्यों ज़रूरत पड़ती है डिप्रेशन छुपाने की ?
आज का समय ऐसा चल रहा है की किसी को, किसी के भी दुख– दर्द सुने का समय नही है. किसी का तो क्या कोई अपनों का ही गम नहीं सुन्ना चाहता ऐसे मे अगर कोई अपनी खामिया बताने लगे तो उसे सहारा देने की जगह उसका फायदा उठाने का सोचते है । ऐसे मे कुछ भी जाहिर न कर के वोह दर्द अपने आप ही खुद मै पनपता रहता है… जो बाद मे जाके डिप्रेशन का रूप ले लेता है। इस समय मे ज़रूरत होती है सबको एक दोस्त की, एक ऐसे इंसान की जो किसी इरश्या और मत- भेद की भावना के बिना बात सुने और साथ ही समझे भी ।
केसे पहचाने की आप डिप्रेशन मे जा रहे है?
अगर लक्षणों पर ध्यान दें तो ज्यादातर बीमारियों को गंभीर होने से पहले रोका जा सकता है। डिप्रेशन भी हमारी ऐसी ही मानसिक परेशानी होती है। अगर आप अकसर खुद को उदास , मूड ऑफ , तनाव घबराहट वाले फेस मै पाते है या उदासी का स्तर उस जगह तक पहुंचने लगे कि मन के भीतर से ऐसी आवाज आने लगे कि अब कुछ भी ठीक नहीं हो सकता, किसी से बात करने का मन बिलकुल न हो। उन सभी चीजों से मन पूरी तरह हट जाए जिनमें पहले काफी दिलचस्पी थी और इनकी वजह से आपके काम, रुटीन, बॉडी लैंग्वेज, शरीर में दिक्कते नजर आने लगती है तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे और इन लक्षणों के बार मे बताये ।
डिप्रेशन कैसे ठीक करे?
अगर आपके किसी परिचित या आपको डिप्रेशन है तो आप इस तरह उस व्यक्ति और अपनी सहायता कर सकते है:-
- डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए.अपने आपको अकेला न रहने दे और दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले और गपशप करे.
- अपने आप को काम में व्यस्त रखें.
- उदासी भरे गानें ना सुने.
- दिल ही दिल में घुटने की बजाये अपनी बाते किसी करीबी को बताये.
अंत: जब हम रोते है तो कोई नहीं रोता पर हसने पर दुनिया साथ में हसने को तैयार हो जाती है.
स्नेहा डबास (BJMCII)
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