उपेन्द्र कुमार पासवान
11 अप्रैल 2020
एक तरफ जहां कोरोना जैसे महामारी से निपटने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे को अपनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रवासी मजदूर भुख से बिलखते हुए अपने-अपने घर जाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे है. मजदूरों के पास ना रहने की व्यवस्था ना खाने की व्यवस्था इसी बीच शुक्रवार रात सूरत में मजदूर सड़क पर उतर गए वाहनों ठेला जैसे कई जगह तोड़फोड़ किए साथ ही आगजनी कर डालें.
गुजरात के सूरत में लॉकडाउन से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार रात उग्र होकर सड़कों पर उतर आए. ये लोग उन्हें वापस उनके घर भेजने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे अपने उग्र प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कई वाहन भी फूंक डाले. पुलिस ने आगजनी करने वालों को खदेड़कर स्थिति को अपने काबू में ले लिया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात सूरत के लसकाना इलाके में लॉकडाउन से परेशान होकर सैकड़ों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे. वह अपने घरों को लौटने के लिए समुचित व्यवस्था किए जाने और उनके बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग कर रहे थे.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे इनमें से कुछ मजदूरों ने अपने गृह राज्य लौटने देने की मांग करते हुए वहां रखे हाथ ठेलों और दूसरे वाहनों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए पहुंची पुलिस ने कुछ मजदूरों को मौके से हिरासत में ले लिया तब कहीं जाकर स्थिति काबू में आई .बता दें कि लॉकडाउन के कारण यहां कई प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं, ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार को उन्हेंं अपने घर अपने गांव लौटने की अनुमति देना चाहिए.
एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आगजनी की घटना ठीक एक दिन में हुई है, जब गुरुवार रात गुजरात में 116 नए मामलों की सूचना के बाद प्रदेश में कोरोनो वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 378 हो गई है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे के दौरान मामलों में यह सबसे अधिक वृद्धि है, जबकि इस दौरान दो मौतें भी हुई हैं, प्रदेश में अब तक कुल 19 लोगों की मौत हो चुकी है.
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