अनुष्ठा सिंह,18 जून 2020,
नई दिल्ली: इस समय तमाम तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है, सबसे बड़ी चुनौती कोरोना के बढ़ते मामले पर काबू पाना, आर्थिक संकट से देश को उवार कर इकॉनमी को पटरी पर लाना, उसके बाद पड़ोसी देशों तरफ़ से किए गए हमलों से निपटना. पाकिस्तान, चीन और नेपाल के साथ अक्सर भारत का सीमा विवाद सामने आता रहता है लेकिन इस समय भारत का तीनों पड़ोसियों से एक साथ सीमा पर उलझना बड़ी चुनौती बन गया है. जो सिर्फ सरकार के लिए हीं आम जनता के लिए भी एक बड़ा मुद्दा है. सबसे ताज़ा मामला चीन का है, जिसे लेकर देश भर में ज़बरदस्त गुस्सा है, पाकिस्तान के साथ जो मसला है वो पिछले 70 सालों से चल रहा है. उसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. उनके बीच बात इतनी ज़्यादा बात आगे नहीं बढ़ी है जितनी चीन और भारत के बीच है.”
भारतीय सेना के मुताबिक भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में सोमवार रात को दोनों देशों की सेना में ज़ोरदार संघर्ष हुआ था. इसमें भारत के 20 सैनिक मारे गए हैं. भारत का दावा है कि चीन को नुक़सान हुआ है. इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और ज़्यादा बढ़ गया है. अक्साई चिन में दोनों देशों के बीच लंबे समय से टकराव की स्थिति बनी हुई थी. चीन का आरोप है कि भारत अक्साई चिन स्थित गलवान घाटी में रक्षा संबंधी गैर-क़ानूनी निर्माण कर रहा है जबकि ये एक विवादित इलाक़ा है. इसके बाद से दोनों देश सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने लगे.
अब हम उस ख़बर से आपको रूबरू करवाते हैं जिसका ताल्लुक सीधा नेपाल से है महीनों में भारत की ओर से नेपाल सीमा के पास सड़क निर्माण के काम की वजह से तनाव बढ़ा है. यहाँ कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को लेकर दोनों के बीच टकराव है.
नेपाल का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत की ओर से जारी किए गए नए नक़्शे में विवादित जगहों को भारत के हिस्से में दिखाया गया है.
इसके बाद नेपाल ने इन तीनों इलाक़ों को अपने हिस्से में दिखाते हुए देश का नया नक्शा प्रकाशित किया. इस नक्शे को नेपाली संसद के निचले सदन ने मंज़ूरी दे दी है.
भारत और पाकिस्तान में भी कश्मीर को लेकर तनाव हमेशा ही रहा है. पिछले साल कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़े हैं.गिलगित-बलतिस्तान में चुनाव कराने को लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी.
इसके बाद भारत ने न्यूज़ चैनल्स पर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीओके) के मौसम का हाल बताना शुरू कर दिया था. इसके जवाब में पाकिस्तानी रेडियो पर भारत प्रशासित कश्मीर के मौसम का हाल बताया जाने लगा था.
इस तरह तीनों पड़ोसियों के साथ भारत सीमा विवाद को लेकर जूझ रहा है. भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि नेपाल के साथ ‘रोटी-बेटी का रिश्ता’ है और मसला बताचीत से हल होगा. इसके बाद भी नेपाल के रुख़ में कोई बदलाव नहीं आया है.
वहीं, सीएए और एनआरसी के मसले पर बांग्लादेश से भी भारत के संबंधों में खटास आ गई थी. नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल मोमिन और गृह मंत्री असद उज़्ज़मान ख़ान ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था.
कोरोना वयारस से लड़ाई और गिरती अर्थव्यवस्था के बीच सीमा पर पड़ोसियों से तनाव भारत के लिए एक गंभीर स्थिति बन गई है. ये स्थितियां कैसे बनीं और इससे निपट पाना भारत के लिए कितना चुनौतीपूर्ण होगा? ये तो आने वाला समय हीं बताएगा…
लेकिन, एकसाथ तीन मोर्चों पर पैदा हुई इस समस्या सरकार की विदेश नीति की विफलता का एक उद्दाहरण हैं.
पड़ोसी देशों में चीन का प्रभाव बढ़ना भी आपकी कमज़ोर विदेश नीति को दिखाता है. अब देखना होगा कि चरमराती अर्थव्यवस्था और कोरोना वायरस के ख़तरे के बीच सरकार ये मसले कैसे सुलझाती है ?
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