Abhishek Kumar
सोमवार 26 जुलाई 2021 को उत्तर पूर्वी भारतीय राज्य असम और मिजोरम में एक अजीब घटना देखने को मिला है जहां हम सभी ने देश के रक्षक को चोर , लुटेरों , बलात्कारियों के खिलाफ कड़े रुख अपनाते हुए देखा है किंतु बीते दिनों से दो राज्य असम और मिजोरम के रक्षक ही एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं । असम पुलिस ने कुछ दिन पहले दोनों राज्यों के सीमा रेखा पर एक कैंप लगा रखा था दरअसल कैंप वाली जगह पर दोनों राज्य की पुलिस अपने राज्यों के भीतर वाली क्षेत्र बताती है 24 जुलाई को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी राज्य के सभी मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग भी किया था जिसमें असम और मिजोरम के मुख्यमंत्री ने यह मुद्दा भी उठाया था किंतु देश के गृहमंत्री ने इस मामले को जल्द ही शांत करने के निर्देश भी दिए थे पर यह मामला शांत नहीं हुआ तथा कल दोनों राज्यों के पुलिस के बीच झड़प हुई दोनों राज्यों के पुलिस के बीच लाठीचार्ज , मशीन लाइट गन भी चलाए गए।
इस युद्ध में असम के 6 जवान शहीद हो गए तथा दोनों राज्यों को मिलाकर 36 जवान घायल भी हुए हैं जिन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। साथ ही असम के मुख्यमंत्री ने शहीद हुए जवान के परिवार को 50 लाख मुआवजा देने का ऐलान भी किया है। इसके पश्चात असम और मिजोरम के मुख्यमंत्री ( हिमानता बिसवा सरमा और जोरमथंगा ) के बीच ट्विटर युद्ध भी शुरू हो गया था दोनों राज्य के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह और पीएमओ ऑफिस को टैग करना शुरू कर दिया तथा मामले को शांत करने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा । दरअसल यह मामला ब्रिटिश राज के अंतर्गत बॉर्डर का निर्माण हुआ था इससे पहले उत्तर पूर्वी में केवल एक ही राज्य थे जिन्हें ग्रेटर असम कहा जाता था।
1972 में मिजोरम को असम से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश से बनाया गया है किंतु 1987 में मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया यह विवाद उसी समय से चलता आ रहा है जैसे अभी केंद्र मैं भाजपा कि सरकार है वैसे ही अभी फिलहाल असम में भाजपा की सरकार तथा मिजोरम में भाजपा समर्थन वाली सरकार है । मामले को शांत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत किया तथा मामले को शांत करने के निर्देश दिया है। इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव ने आज दोनों राज्यों के डीजीपी तथा गृह सचिव को भी दिल्ली बुलाया है |
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