03 July 2020,Ranjana Upadhyay
साल के शुरूआती महीने में पहले चंद्र ग्रहण की शुरुआत हुई तो वही 4 चंद्र ग्रहण 2 सूर्य ग्रहण वाले साल 2020 में अब तक कई प्राकृतिक आपदा भी आ चुकी है| वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है जबकि ज्योतिषी और हिंदू मान्यताओं में इसे ग्रहण कहा जाता है, इस दौरान व्यक्ति के ऊपर विशेष तरह का प्रभाव होता है| ज्योतिष शास्त्रों में अलग-अलग राशियों वालों पर लाभ-हानि, शुभ-अशुभ की परिभाषा भी बताई गई है| 2020 में कब कब है चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण वर्ष 2020 की शुरुआत में 10 जनवरी को पहला चंद्र ग्रहण लगा जिसके बाद जून के महीने में साल का दूसरा चंद्र ग्रहण दिखाई पड़ा| वही पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को संपूर्ण भारत में साफ तौर पर कई शहरों में अलग-अलग रंगों में देखा गया| अब आने वाले वक्त में जुलाई के पहले हफ्ते में ही तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को लगने जा रहा है| चौथे और आखिरी चंद्र ग्रहण नवंबर महीने में 30 नवंबर को लगेगा, और 2020 के अंत में 14 दिसंबर को ग्रहण की समाप्ति हो जाएगी और इस दिन सूर्य ग्रहण लगेगा| सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में अंतर पृथ्वी और सूर्य के बीच जब चंद्रमा आता है और कुछ क्षण के लिए सूर्य , चंद्रमा के पीछे ढक जाता है तब इस खगोलीय घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं| पृथ्वी जहां सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाती है और वही चंद्रमा, पृथ्वी का परिक्रमा करता है और इसी विधि के दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है| जिसके बाद सूर्य को ढक देता है पृथ्वी पर जब भी सूर्यग्रहण लगता है तब अमावस्या का सहयोग भी बनता है| बात अगर चंद्रग्रहण की करें तो जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और तब चंद्रमा पूरी तरीके से पृथ्वी के पीछे ढक जाता है और इसी घटना को चंद्रग्रहण कहते हैं| 5 जुलाई 2020 को लगने वाले ग्रहण का समय वर्ष 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को सुबह 8:38 से शुरू होकर 11:23 तक रहेगा| ग्रहण का कुल अवधि 2 घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड होगी| यह चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण ( penumbral lunar eclipse ) होगा | और इसी दिन गुरु पूर्णिमा भी है| हालांकि, दिन के समय ग्रहण होने की वजह से यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। शास्त्रों के हिसाब से ग्रहण में क्या नहीं करना चाहिए (१) गर्भवती महिलाओं का विशेष देखभाल। ग्रहण देखने की मनाही साथ ही सात्विक भोजन ग्रहण करें| (२) ग्रहण के दौरान घर से ना निकले और नहीं ग्रहण देखें| (३) ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए और ना ही पानी पीना चाहिए| छोटे बच्चे बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को छूट| (४) भोजन ना पकाएं और ग्रहण की शुरुआत होने से पहले राशन के डिब्बों और अचार जैसे खाद्य सामग्री में तुलसी के पत्ते रख दे| (५) ग्रहण के दौरान खेलना-कूदना, सोना, मल-मूत्र और संभोग नहीं करना चाहिए| (६) ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए एवं मंत्र का जाप करना चाहिए| (७) ग्रहण खत्म होते ही स्नान कर लेना चाहिए| (८) विशेष ग्रहों वाले व्यक्ति जिनका ग्रहण के दौरान कष्ट या पीड़ा होने की संभावना या असर होने का योग्य हो वह अपना खासा ध्यान रखें| Ranjana upadhyay Bjmc ii
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