10 नवंबर 2019,शिवानी पाल
महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आने के बाद वहां की जनता ने बीजेपी और शिवसेना को पर्याप्त सीटें दी हैं लेकिन एक रोटी को बराबर बराबर बांटने की चक्कर में शिवसेना की एकतरफा कोशिशे नाकामयाब होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी में चल रहे घमासान के बीच किसका पलड़ा भारी है और किसका हल्का यह देखना दिलचस्प होता जा रहा है । शिवसेना की तरफ से उठ रही मांगों और उन मांगों पर भाजपा की चुप्पी ने इस राजनेतिक युद्ध को एक अलग ही रूप दे दिया है।
शिवसेना की तरफ से आदित्य ठाकरे को सीएम पद पर बैठाने की मांग को लेकर काफी समझौतों पर बयानबाजी आती रही है। लेकिन कोई भी नतीजा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को सुनिश्चित नहीं कर पाया । अब तो अटकलें राष्ट्रपति शासन लगने तक की लगाई जा रही है ।
बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है इसके बाद से ही शिवसेना में हलचल मच गई है । शिवसेना ने खरीद फराखत के डर से अपने सभी विधायकों को रंगशारदा रिसॉर्ट से मुंबई के मलाड में स्थित एक होटल में शिफ्ट कर दिया है,और यही कारण है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपने सभी विधायकों से मिलने देर रात को होटल पहुंचे और सुबह करीब 5:00 बजे तक उनके साथ बैठक की ।
जानकारी के मुताबिक आदित्य ठाकरे पूरी रात होटल में ही रुके रहे इससे पहले कांग्रेस भी बीजेपी पर अपने विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश का आरोप लगा चुकी है।
विधान सभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो चुका है देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं । बीजेपी और शिव सेना के बीच छिड़े इस विवाद के अंत के साथ साथ अब तो मुख्यमंत्री पद की गद्दी पर, किसका होगा राजतिलक इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है ?
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