रोग प्रतिरोधक क्षमता कोरोने सहित कई बीमारियों से हमे सुरक्षित रखती है. छोटी-मोटी ऐसी कई बीमारियां होती हैं जिनसे हमारा शरीर खुद ही निपट लेता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर बीमारियों का असर जल्दी होता है. ऐसे में शरीर कमजोर हो जाता है और हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं.
हमारा इम्यून सिस्टम हमें कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता कई तरह के बैक्टीरियल संक्रमण, फंगस संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है. इन बातों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि इम्यून पावर के कमजोर होने पर बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में ये बहुत जरूरी है कि हम अपनी इम्यून पावर को बनाए रखें.
वर्तमान समय में, काफी सारी बीमारियाँ फैल रही हैं, जिनमें कोरोनावायरस भी शामिल हैं।
हम सभी हर रोज़ कोरोनावायरस संक्रमित लोगों की खबरे टी.वी में देखते रहे हैं, जिसे कम करने के लिए राज्य सरकारों समेत केंद्रीय सरकार हर मुमकिन कदम उठा रहे हैं।
यदि आप कोरोनावायरस से बचने के उपायों पर ध्यान दें, तो उनमें सबसे महत्वपूर्ण रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है ताकि इस वायरस से बचा जा सके।
लोगों में इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के उपायों की जानकारी न होने के कारण वे इसे सुधार नहीं पाते हैं।
इस प्रकार, हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद वे अपनी इम्युनिटी पावर को बढ़ा पाएंगे।
*रोग-प्रतिरोधक क्षमता क्यों जरूरी है?
1.सेहतमंद रहना- रोग-प्रतिरोधक क्षमता के सही होने का प्रमुख कारण सेहतमंद रहना है।
जिस व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, वह अधिक सेहतमंद रहता है।
- मानसिक रूप से मजबूत होना- रोग-प्रतिरोधक क्षमता का असर लोगों के शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी पड़ता है।
यह उससे मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद करती है, जिससे उसे मानसिक रोग होने की संभावना कम हो जाती है।
3.शारीरिक मज़बूती बनी रहना- रोग-प्रतिरोधक क्षमता व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत रहने में सहायता रहती है।
*रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने के लक्षण क्या हैं?
1.चोट को ठीक होने में समय लगना- सभी लोगों को चोट को लगती ही रहती है, जो कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है।
लेकिन, यदि किसी शख्स की चोट लंबे समय तक ठीक न हो तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि ऐसा कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता का संकेत हो सकता है।
- संक्रमण होना- कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता का अन्य लक्षण संक्रमण होना है।
ऐसी स्थिति में संक्रमित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि उन्हें संक्रमण से छुटकारा मिल सके।
3.कमज़ोरी महसूस होना- लॉ इम्युनिटी पावर का अन्य लक्षण कमज़ोरी महसूस होना है।
हालांकि,लोग कमज़ोरी महसूस को सामान्य समस्या समझते हैं, लेकिन उनका ऐसा सोचना उन्हें बीमारी बना सकता है।
*कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता के कारण क्या हैं?
1.नशीले पदार्थों का सेवन करना- यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करता है तो उसे कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता होने की संभावना काफी अधिक रहती है।
- पर्याप्त नींद न लेना- कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता होने की संभावना ऐसे लोगों में अधिक रहती है, जो पर्याप्त नींद नहीं लेते है।
*रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाए?
1.पौष्टिक भोजन करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का मुख्य कारण अनहेल्थी फूड खाना है।
इस प्रकार, इसे बढ़ाने के लिए लोगों को पौष्टिक भोजन करना चाहिए जो विटामिन, कैल्शियम, आयरन इत्यादि तत्वों से भरपूर हो।
2.विटामिन डी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इससे कई रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है. साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए और दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखने के लिए भी विटामिन डी लेना बहुत जरूरी है.
- संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए विटामिन सी का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. नींबू और आंवले में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखने में मददगार होता है.
4.तुलसी का धार्मिक महत्व अपनी जगह है मगर इसके साथ ही यह एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। रोज सुबह तुलसी के 3-5 पत्तों का सेवन करें।
5.योग व प्राणायाम शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी जानकार से इन्हें सीखकर प्रतिदिन घर पर इनका अभ्यास किया जाना चाहिए।
“रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये, हर बीमारी से निजात पाये”

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