Leena Rajput
राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई भूमि के मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आया है। बलिया में सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और वाराणसी में कांग्रेस नेता अजय राय ने जांच की मांग की है।कहा जा रहा कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी और ये खरीदारी हुई महज 10 मिनट में. इसे लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता चंपत राय ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया है और सफाई दी है. क्या सफाई दी?चंपत राय ने ट्वीट करके लिखा है,
श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र, श्री राम जन्म-भूमि मन्दिर को वास्तु शास्त्र के मुताबिक़ भव्य स्वरूप प्रदान कराने, शेष परिसर को सभी तरह से सुरक्षित और दर्शनार्थियों के लिए सुविधापूर्ण बनाने के लिए काम कर रही है. इसे लेकर मंदिर के पूर्वी और पश्चिम भाग में निर्माणाधीन परकोटा और रिटेनिंग वाल की सीमा में आने वाले महत्वपूर्ण मंदिरों/स्थानों को परस्पर सहमति से ख़रीदा किया जा रहा है. न्यास का फैसला है कि इस प्रक्रिया मे विस्थापित होने वाले प्रत्येक संस्थान/व्यक्ति को पुनर्वासित किया जाएगा.पुनर्वास हेतु भूमि का चयन संबंधित संस्थानों/व्यक्तियों की सहमति से की जा रही है. बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.2 हेक्टेयर जमीन इसी प्रक्रिया के तहत महत्वपूर्ण मंदिरों जैसे कौशल्या सदन आदि की सहमति से पूर्ण पारदर्शिता के साथ ख़रीदी गई है. ये जमीन अयोध्या रेलवे स्टेशन के नज़दीक रोड पर स्थित एक प्राइम लोकेशन है. इस भूमि को लेकर साल 2011 से मौजूदा बेचने वालों के पक्ष में भिन्न-भिन्न समय (2011, 2017 और 2019) में अनुबन्ध सम्पादित हुआ.चंपत राय ने कहा है कि तीर्थ क्षेत्र का पहले दिन से ही फैसला रहा है कि सभी पेमेंट बैंक से सीधे खाते में ही किए जाएंगे और संबंधित जमीन की खरीद प्रक्रिया में भी इसी फैसले का पालन हुआ है. यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार द्वारा लगाए गए सभी टैक्स आदि का पेमेंट हो जाए.
आरोप की भाषा में वक्तव्य देने वाले व्यक्तियों ने आरोप लगाने से पहले तीर्थ क्षेत्र के किसी भी पदाधिकारी से तथ्यों की जानकारी नहीं की, इससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। समस्त श्री राम भक्तों से निवेदन है कि वे ऐसे किसी दुष्प्रचार में विश्वास न करें।
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