28 April 2020,Jyoti Singh
रामायण सीरियल की शूटिंग 1987 में हुई थी. सुनील ने कहा कि फीस बहुत कम हुआ करती थी सुनील ने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि उन दिनों खर्चे बहुत ज्यादा नहीं हुआ करते थे.
भारतीय टेलीविजन के इतिहास में जबरदस्त टीआरपी देने का रिकॉर्ड बना चुके धारावाहिक रामायण के बेहिसाब किस्से हैं, पर्दे के आगे की कहानियों के अलावा पर्दे के पीछे की भी ढेरों कहानियां हैं. यह कहानियां ना सिर्फ काफी दिलचस्प है. बल्कि हमें यह भी अहसास कराती हैं कि उस दौर में चीजें किस तरह हुआ करती थी. रामानंद सागर की रामायण में कलाकारों को इतनी ज्यादा पॉपुलैरिटी दी कि लोग उन्हें भगवान की तरह पूजने लग गए.
शो में राम, लक्ष्मण और सीता का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, सुनील लहरी और दीपिका चिखलिया खुद कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं, कि जब वह गांव और कस्बों में जाया करते थे तो लोग किस तरह उनके पैर पकड़ लेते थे. जाहिर है कि पापुलैरिटी के इस लेवल की तुलना किसी अन्य चीज से नहीं की जा सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस दौर में इन कलाकारों को जी तोड़ मेहनत करने के लिए कितने पैसे मिला करते थे?
कुछ चैनल्स के खास बातचीत में सुनील लहरी ने यह राज खोला.
रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने बताया, ” बस इतना कहूंगा कि पीनट्स मिलते थे. तब इतना खर्चा भी नहीं था आज के जमाने की तरह. ” सुनील ने सीधे तौर पर नंबर तो नहीं बताये कि कितने रुपए मिला करते थे, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि फीस बहुत कम हुआ करती थी. सुनील ने अपनी बात में यह भी जोड़ा कि उन दिनों खर्चे ज्यादा नहीं हुआ करते थे बता दें कि रामायण सीरियल की शूटिंग होने 1987 में हुई थी. सुनील ने बताया हालांकि आज कोई एक्ट्रेस एक शो करके घर बना सकता हैं लेकिन तब हम पूरी रामायण करके भी घर बनाने की नहीं सोच सकते थे. आज की तरह पहरे लाइफ को सिक्योर रखने जैसी सोच भी नहीं थी. आज समय नहीं सोच से आगे बढ़ रहा है. ” जिस तेजी से मनोरंजन जगत लगातार आगे बढ़ रहे हैं उसके सुनील लहरी ने तारीफ की. बता दें कि रामानंद सागर की रामायण को दूरदर्शन लॉकडाउन के दौरान पुनः प्रसारित कर दिया गया है और दर्शक इसका खूब आनंद उठा रहे हैं|||
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