02 April 2020,Nishu
हिंदू धर्म के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में भगवान राम का जन्म हुआ था।।
हिंदू धर्म में भगवान राम का सर्वश्रेष्ठ स्थान है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में विख्यात हैं।। रामनवमी मनाने के पीछे श्रेष्ठ कारण राम का जन्म है राम का जन्म नवमी के दिन हुआ था इस वजह से रामनवमी मनाई जाती है।।
रामनवमी के दिन अयोध्या में चैत्र राम मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें हर वर्ष बहुत भीड़ देखने को मिलती हैं।।रामनवमी के दिन स्नान करने के बाद घरों में रामचरितमानस का पाठ किया जाता है इस दिन चैत्र नवरात्र का भी अंतिम दिन होता है इसलिए पकवान बनाया जाता है और कन्याओं को घर में भोजन कराया जाता है और बर्तन वस्त्र आदि दिया जाता है।
राम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ के महल में हुआ था भगवान राम विष्णु का सातवां अवतार हैं उन्होंने मृत्यु लोक में जन्म बढ़ती हुई बुराई को रोकने रावण का संहार करने और धर्म की स्थापना करने के लिए विष्णु धरती पर रामावतार में जन्म लिया था।।
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी और तीनों राजा को संतान का सुख नहीं दे पाई जिससे राजा काफी चिंतित थे राजा को संतान प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ ने कमेष्टि यज्ञ कराने के लिए कहा उनकी बातें मान कर राजा दशरथ ने महर्षि श्रृंगी से कमेष्टि यज्ञ करवाया।।
यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ने राजा दशरथ की तीनों रानियों को खीर ग्रहण कराया इसके ठीक 9 महीने बाद ही बड़े रानी कौशल्या ने भगवान राम को केकई ने भारत को और सुमित्रा ने जुड़वा संतान लक्ष्मण शत्रुघ्न को जन्म दिया भगवान राम का जन्म बुराई का नास करने के लिए हुआ था।।
रामनवमी का पावन त्यौहार हिंदू अनुयायियों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।। माना जाता है कि इस दिन उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कई लोग राम चरित्र का पाठ करते भजन सुनते और इस तरह रामनवमी का त्योहार का आनंद लेते हैं।।
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