20 दिसंबर 2019 नीतीश पाठक
नमस्कार देशवासियों,मै नरेंद्र दामोदर दास मोदी बोल रहा हूँ। 130 करोड़ जनता के आशीर्वाद से दोबारा प्रधानमंत्री के रूप में 30 मई को शपथ लिया।चुनाव से पूर्व जनता से मैंने बहुत सारे महत्वपूर्ण वादे किये थे.मै ज़्यदातर वादों को पहली कार्यकाल में पूरा कर लिया था. अब मै आपलोग को बताना चाहता हूं दूसरे कार्यकाल के 6 महीने के काम.
हमारी सरकार 6 माह का कार्यकाल पूरा किया इस दौरान देश के विकास, सामाजिक सशक्तीकरण और एकता को बढ़ावा देने के लिये अनेक निर्णय लिए. हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के ध्येय से प्रेरित होकर और 130 करोड़ भारतीयों के आर्शीवाद से राजग सरकार नये उत्साह से भारत के विकास और 130 करोड़ भारतीयों के जीवन को सशक्त बनाने के लिये काम करना जारी रखे हुए है.
हमारी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 6 महीने 30 नवम्बर, 2019 को बड़ी उपलब्धियों के साथ सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। 6 माह की इस छोटी सी अवधि में ही मेरी सरकार ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक और रूपांतरकारी फैसले किए हैं जो विशेष कर गरीबों, दबे-कुचले लोगों, किसानों महिलाओं, युवाओं, मध्यम वर्ग, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों के लोगों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं। यही नहीं, मेरी सरकार के सभी फैसलों का अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत और भावना ‘इंडिया फर्स्ट’ रही है।
देश की जनता से मिले मजबूत जनादेश के साथ-साथ उनके द्वारा एक बार फिर सशक्त रूप से व्यक्त किए गए अटूट विश्वास के अनुरूप ही हमारी सरकार के गतिशील नेतृत्व में सरकार अपने चुनावी घोषणा- पत्र में भाजपा द्वारा किए गए वायदों को साकार और पूरा करने में पूरे जोर-शोर से जुटी है। ‘सबका साथ सबका विकास’ के व्यापक विजन के साथ यह सरकार अपने अहम मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने और इसके साथ ही ‘सबका विश्वास’ हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
भाजपा के अनेक प्रमुख वायदे पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद 370 एवं 35ए को निरस्त किया जाना और तीन तलाक विधेयक का पारित कराना तथा मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त कर उन्हें न्याय दिलाना है, जिनका सभी ने स्वागत किया है। हमारी सरकार की 6 माह के कार्यकाल के दौरान देशवासियों ने अयोध्या पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को भी बड़ी उत्सुकता एवं सकारात्मकता के साथ सुना जिसने ‘राम जन्मभूमि’ पर एक ‘अत्यंत भव्य राम मंदिर’ के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

निष्प्रभावी हुआ अनुच्छेद 370…
राज्यसभा में बहुमत न होने के बाद भी हमारी सर्कार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला लेते हुए न केवल अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया, बल्कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी भी दिला दी. सरकार की चुस्ती का ही नतीजा रहा कि अनुच्छेद 370 के खिलाफ अब तक कोई बड़ा असंतोष जम्मू-कश्मीर में नहीं दिखा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कई दिनों तक घाटी में जाकर डेरा डाले रहे और हालात का आकलन करते रहे.;एक राष्ट्र,एक संविधान और एक विधान ‘का सपना पूरा हुआ.एक राष्ट्र, एक ध्वज, एक संविधान’ मोदी सरकार की अभूतपूर्व पहल से एक वास्तविकता बन गया है। यह निश्चित तौर पर एक ऐतिहासिक पल था क्योंकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया विधेयक संसद में ध्वनि मत से पारित हो गया।हमने वादा किया, उसके लिए संघर्ष किया और उसे पूरा किया। जम् कश्मीर को अनुच्छेद 370 से मुक्त किया गया और जम्मू कश्मीर और लद्दाख दोनों को दो अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। हर भारतीय का एक भारत एक संविधान का सपना मोदी सरकार ने साकार किया।

अयोध्या मामले का हुआ निपटारा।
सबसे पुराना अयोध्या विवाद का निपटारा आख़िरकार हमारी सरकार में हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाए और तीन महीने में अपनी योजना सौंपे। इस फैसले को दोनों धर्म ने सर्वसम्मति से स्वागत किया।मेरी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में सबसे पुरानी जड़ को खत्म कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि भाजपा और उससे संबद्ध संगठनों ने इसमें रचनात्मक भूमिका निभाई थी।

कानून जुर्म हुआ ‘तीन तलाक’…
26 जुलाई 2019 को संसद ने मुस्लिम महिला विवाद अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 पारित किया. यह कुप्रथा एक अगस्त से कानूनन जुर्म भी बन गया. अब तीन बार तलाक बोलकर, लिखकर या एसएमएस-ईमेल भेजकर शादी तोड़ने वाले को तीन साल की जेल का प्रावधान कर दिया गया है. उलेमा ने जहां इस कानून का विरोध किया, वहीं मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया. मेरी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के साथ न्याय बताया.
भारत शीघ्र ही 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए सही पथ पर मजबूती के साथ अग्रसर है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ‘पी.एस.यू.’ के रणनीतिक विनिवेश जैसे बड़े फैसलों और कर, श्रम एवं बैंकिंग जैसे अहम सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत हो रही है। भारत बड़ी तेजी से दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है।‘कारोबार में सुगमता’ और ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ जैसे विभिन्न वैश्विक सूचकांकों में भारत द्वारा कई पायदानों की जोरदार एवं आकर्षक छलांग लगाना इस तथ्य के अकाट्य प्रमाण हैं।

अभी अभी मेरी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश करते हुए कहा कि आजादी के बाद इन तीनों देशों के अल्पसंख्यक समुदाय के जो भी लोग भारत आए हैं, उन्हें उनके यहां आने की तारीख से ही भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश करते हुए कहा कि विधेयक पारित होते ही तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों की जिंदगी में नया सवेरा आ जाएगा। उन्होंने कहा कि विधेयक के कानून बन जाने के बाद भारत में आए उपरोक्त तीनों देशों से आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, इसाई और पारसी बहुत सारे सुविधाएं मिलेगी।
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) में पासपोर्ट, वीजा और ट्रैवल डॉक्युमेंट्स के बगैर जो प्रवासी भारत में आते हैं या जिनका पासपोर्ट और वीजा एक्सपायर कर जाता है, उनको अवैध प्रवासी माना जाता है। इसमें संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। यानी, नए कानून के तहत ऐसे प्रवासियों को अवैध नहीं माना जाएगा।
इसमें नई धारा धारा 6(बी)(बी) लाने का प्रस्ताव है जिसके तहत धार्मिक उत्पीड़न के शिकार उपरोक्त प्रवासी निर्धारित की गई शर्तों और प्रतिबंधों के तौर-तरीकों को अपनाकर रजिस्ट्रेशन कराकर भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर रोक लगाने’ का आह्वान किया है। सिर्फ उन्होंने 15 दिनों के संक्षिप्त अभियान के दौरान ही 13000 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र कर लिया। यह निश्चित तौर पर बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने लोगों से ‘प्लॉनिंग’ यानी जॉगिंग टहलने के दौरान सड़कों अथवा रास्तों पर पड़े ‘पॉलीथिन’ को चुनने और फिर उनका सटीक निपटान करने की भी अपील की है। वैसे तो 6 माह की अवधि अत्यंत छोटी होती है, मेरी सरकार ने इस छोटी-सी अवधि में ही अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।
हमारी सरकार के अगला एजेंडा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने का है.पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और भारत उसे नियंत्रण में लेगा।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK), भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद से ही विवाद की जड़ बना हुआ है. POK, भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य का वह हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने कबीलाई विद्रोहियों के साथ अपने सैनिक शामिल कर धोखे से 1947 में अधिकार कर लिया था.
अगले साल तक मेरी सरकार का अगला एजेंडा समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) कानून होता है जो सभी धर्म के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही ‘समान नागरिक संहिता’ का मूल भावना है। यह किसी भी धर्म या जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होता है। देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून। यानी ये एक तरह का निष्पक्ष कानून होगा। जब ये कानून बन जाएगा तो हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी को एक ही कानून का पालन करना होगा। यानी मुस्लिम तीन शादियां भी नहीं कर सकेंगे। यह कानून देश हित के लिए लागु किया जायेगा।

सामान नागरिकता संहिता के बाद हमारी सरकार का अगला रुख जनसँख्या नियंत्रण कानून लाने पर रहेगा। क्योकि बहुत सारी समस्याओं की जड़ है जनसँख्या बढ़ना।
मंहगाई,बेरोजगारी,सीमित संसाधन का होना,जनसंख्या का बढ़ना ही है. उल्लेखनीय है कि चंद माह पहले ही असम सरकार ने दो बच्चे का कानून बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए विधानसभा में बिल का मसौदा पेश किया है। अब केंद्र का अगला एजेंडा हो सकता है.ये बात मैंने लाल किले के प्राचीन से भी कही थी.
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