महाराष्ट्र, भारत का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यहाँ के चुनाव देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा, महाराष्ट्र के मतदाता अपनी राजनीतिक समझ और सक्रियता के लिए जाने जाते हैं।
पृष्ठभूमि
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं, जहाँ बहुमत का आंकड़ा 145 है। राज्य की राजनीति मुख्यतः क्षेत्रीय दलों और राष्ट्रीय पार्टियों के गठबंधन पर निर्भर करती है। शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) यहाँ प्रमुख राजनीतिक दल हैं। हाल के वर्षों में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी गठबंधन और भाजपा के बीच सत्ता संघर्ष ने राजनीति को एक नई दिशा दी थी ।
चुनावी नतीजे , बीजेपी का तोड़ नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के इस गठबंधन ने 288 सीटों में से 236 सीटें जीतकर सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ाया है। विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए), जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी शामिल थी, केवल 48 सीटों पर सिमट गई।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे “जनादेश का ”ऐतिहासिक क्षण” बताया और कहा कि सरकार की योजनाओं ने लोगों का विश्वास जीता। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह जीत उनकी जिम्मेदारी को और बढ़ाती है। “लाड़ली बहना योजना” को इस चुनाव में निर्णायक माना गया, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में खासा समर्थन पाया।
चुनाव में भाजपा ने अपना वोट प्रतिशत 26.19% तक पहुंचाया, जो महाराष्ट्र में उसका दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। एमवीए के नेता और कांग्रेस जैसे दलों को अपनी हार के कारणों पर आत्ममंथन करने की आवश्यकता होगी। अब यह देखना बाकी है कि गठबंधन किसे मुख्यमंत्री पद के लिए नामित करता है, हालांकि संकेत हैं कि एकनाथ शिंदे इस पद पर बने रह सकते हैं।
यह परिणाम भाजपा के लिए महाराष्ट्र में लगातार तीसरी बार सत्ता में बने रहने का संकेत है और विपक्ष के लिए गंभीर रणनीतिक पुनर्विचार का समय है।
ईशा झा
BJMC 1
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