28 नवंबर 2019, शबाना बानो
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर बृहस्पतिवार को भारत पहुंच गए । यह उनकी तीन दिवसीय यात्रा रहेगी। यात्रा में राजपक्षे के सचिव पी बी जयसुंदर और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के सलाहकार ललित वीरतूगां भी उनके साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति राजपक्षे को भारत आने की दावत दी थी । इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्विपक्षीय रिश्तों को और भी मजबूत करने पर बातचीत करेंगे। राष्ट्रपति राजपक्षे को चीन का करीबी भी माना जाता है, ऐसे में यह भारत के लिए थोड़ा चिंता का विषय भी है । श्रीलंका के चुनाव परिणाम के दो दिन बाद ही भारतीय विदेश मंत्री मंत्री एस. राष्ट्रपति राजपक्षे से मुलाकात करने वाले पहले विदेश मंत्री थे जयशंकर। लेकिन यह एक कामयाबी ही है कि राजपक्षे ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना जबकि वो चीन के करीबी भी है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर नई दिल्ली पहुंचे राष्ट्रपति
राजपक्षे का एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने स्वागत किया ,शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे ,और फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि भारत की तरफ रवाना होने से पहले राजपक्षे ने ट्वीट कर लिखा – ‘ मैं अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत जा रहा हूं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के साथ हमारे द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती देने की ओर देख रहा हूं । बता दें राजपक्षे देश के सातवें राष्ट्रपति हैं । भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान श्रीलंकाई अधिकारी ने बताया था कि जयशंकर के पास प्रधानमंत्री मोदी का एक पत्र था । जिसमें राजपक्षे के निजी तौर पर बधाई दी गई थी । इसके साथ ही उन्हें भारत की यात्रा करने की दावत भी दी थी ।
अब देखना यह होगा कि क्या भारत से श्रीलंका के रिश्ते चीन से भी ज्यादा गहरे हो पाते हैं ?
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