25 June 2020,Muskan Rastogi
भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग के अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या घटाकर आधा कर दे। भारत ने कहा है कि उच्चायोग की हरकतें कूटनीतिक मानदंडों और वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।
भारत ने यह भी कहा है कि वह अपनी ओर से इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के सदस्यों की संख्या भी घटाकर आधा कर रहा है। विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार, पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को विदेश मंत्रालय में आज तलब किया गया। उच्चायोग के प्रभारी को कहा गया कि पाकिस्तान को सात दिन के अंदर कर्मचारियों की संख्या घटाकर आधा करना होगा।
उन्हें बताया गया कि उच्चायोग अधिकारी लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उच्चायोग से जुड़े लोग जासूसी करते हैं और आतंकी संगठनों से संपर्क बनाए रखते हैं। 31 मई को उच्चायोग से जुड़े दो अधिकारियों को इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने के कारण रंगे हाथों पकड़ा गया और उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि इसके साथ ही पाकिस्तान इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को उनके सामान्य राजनयिक कार्यों को करने से लगातार रोक रहा है। दो भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को बंदूक की नोक पर हाल ही में अपहरण कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। 22 जून को भारत लौटने पर इन अधिकारियों ने पाकिस्तानी एजेंसियों के बर्बर व्यवहार की आपबीती सुनाई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिकों के साथ पाकिस्तान और उसके अधिकारियों का आचरण वियना संधि और द्विपक्षीय संबंधों के अनुरूप नहीं है। वास्तव में पड़ोसी देश का यह आचरण सीमा पार हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली व्यापक नीति का हिस्सा है।
मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया है। उसी अनुपात में भारत इस्लामाबाद में अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या कम करेगा।
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