29 नवंबर, 2019, शबाना बानो
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत ही खराब चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं शुक्रवार को सामने आए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था दिन पे दिन नीचे गिरती जा रही है । बीच बीते 6 सालों में सबसे धीमे स्तर पर बढोतरी हुई. इस दौरान देश की जीडीपी केवल 4.5 फीसदी रही जोकि पिछली तिमाही के जीडीपी(5 फीसदी) से भी कम है. 2018 में जुलाई-सितंबर के बीच जीडीपी 7 फीसदी थी. इससे पहले सबसे कम जीडीपी 2013 में जनवरी-मार्च में दर्ज की गई थी. इस दौरान जीडीपी 4.3 फीसदी थी. आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही. इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही. इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है. आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा. जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी. जीडीपी के निराशाजनक आंकड़ों पर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन ने दिलासा दिलाते हुए कहा है कि तीसरे क्वार्टर में जीडीपी रफ्तार पकड़ सकती है उन्होंने कहा हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद बनी रहेगी ।
तीसरी तिमाही में जीडीपी रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।इससे पहले खबर सामने आई थी कि देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक नरमी के गहराने की ओर इशारा करता है. इस संबंध में शुक्रवार को सरकार ने आधिकारिक आंकड़े जारी किए. आठ प्रमुख उद्योगों में से छह में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गयी. देश में कोयला उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत, कच्चा तेल उत्पादन 5.1 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 5.7 प्रतिशत गिरा है.
अक्टूबर 2018 में बुनियादी क्षेत्र के इन आठ उद्योगों के उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गयी थी. इस साल अप्रैल-अक्टूबर अवधि में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों की वृद्धि दर गिरकर 0.2 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी अवधि में 5.4 प्रतिशत थी.पिछले माह सितंबर में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन सालाना आधार पर 5.1 प्रतिशत गिरा था जो एक दशक का सबसे सुस्त प्रदर्शन था।
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