10 नवंबर 2019, दिव्यांश यादव
अयोध्या के ऐतिहासिक फैसले के आते ही एक नए अध्याय के शुरुवात होनें की पूरी संभावना है, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कल जैसे ही बाबरी मस्जिद विध्वंस को कानून की अवमानना माना, तुरंत ये सवाल प्रकट हो गया,क्या बीजेपी के नेता भी इस मामले में जेल की हवा खाएंगे ?
जिसपर तुरंत खबर आने लगी की जल्द ही इसपर भी फैसला आएगा, दरअसल 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गुंबद को तोड़ा गया,जिसमे कई बीजेपी नेताओं पर भडकाऊ बयान देने के मामले को लेकर केस चल रहा है ।
दरअसल लखनऊ एक विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के आपराधिक मामले में फैसला अप्रैल 2020 तक आने की संभावना है. विशेष सीबीआई अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा सबूत और गवाही पेश करने की आखिरी तारीख 24 दिसंबर तय की है. 29 सितंबर, 2019 को आरेाप तय किए जाने के बाद अदालत द्वारा बार-बार आदेश जारी करने के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के खिलाफ गवाह नहीं लाने पर हाल ही में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को फटकार लगाई गई थी.
भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सुनवाई 25 मई, 2017 को लखनऊ की इस विशेष अदालत में शुरू हुई थी क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया था. सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितंबर, 2019 में सुनवाई शुरू हुई. राज्यपाल के रूप में उन्हें कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त थी. वर्ष 1992 में छह दिसंबर को जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सुनवाई 25 मई, 2017 को लखनऊ की इस विशेष अदालत में शुरू हुई थी क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया था. सिंह पर राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितंबर, 2019 में सुनवाई शुरू हुई. राज्यपाल के रूप में उन्हें कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त थी. वर्ष 1992 में छह दिसंबर को जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.अब देखने वाली बात होगी की सत्ता पर आसीन यूपी की बीजेपी सरकार अपने बड़े नेताओं को बचाने के लिए क्या कदम उठाती हैं?
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