10 नवंबर 2019,शिवानी पाल
बंगाल के तट पर शनिवार की आधी रात को पश्चिम बंगाल के सागर आईलैंड और बांग्लादेश के खेपुपरा इलाके में चक्रवाती तूफान बुलबुल” ने दस्तक दी, इससे कई जगह भूस्खलन की खबर है, जिसे सुंदरबन डेल्टा पर उतरी पूर्व में बांग्लादेश को नुकसान पहुंचा है। इन इलाकों में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं हालांकि दक्षिण परगना और कोलकाता में बारिश रुक गई है लेकिन तेज हवाओं से अभी भी खतरे की संभावना बनी हुई है । तेज हवाओं की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो चुकी है। तूफान के कारण बंगाल में 24 परगना उतरी, 24 परगना दक्षिणी, पूर्वी मिदनापुर,पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा,कोलकाता और झाड़ग्राम इसके प्रभाव से ग्रसित हो सकते हैं ।
इसी वजह से सरकार ने इन सभी जिलों के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है और निजी स्कूलों को भी ऐसा करने के लिए कहा है। वही आपदा प्रतिक्रिया बल राहत और बचाव सामग्रियों के साथ परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क है।
चक्रवाती तूफान का असर उड़ीसा में भी देखने को मिला जहां सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और सड़कों पर आ गिरे ।एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल के कर्मचारी सड़कों से पेड़ों को हटाने के लिए लगाए गए। उड़ीसा के केंद्रपाड़ा जिले में 1070 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया, बालासोर और जगतसिंहपुर जिले में भी पंद्रह सौ से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया,
देखने वाली बात है इस बार पश्चिम बंगाल की सरकार जल्द से जल्द इस बड़ी मुसीबत से कैसे अपने को उबार आती है ?
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