27 नवंबर 2019 कौशलेंद्र राज शुक्ला
भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर से विवादों के घेरे में हैं, और मामला वही है जिसके चलते वो अक्सर विवादों में रह कर सुर्खियां बटोरती रहती है।जी हां! आप समझ ही गए होंगे कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जो नाथूराम गोडसे के ऊपर बयान दिया था वह भाजपा के लिए गले की फांस बन गया है ।नाथूराम को देशभक्त बताने वाला बयान बीजेपी का पीछा नहीं छोड़ रहा आज एक बार फिर सांसद महोदया ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया वह भी लोकतंत्र के मंदिर यानी देश की संसद में !
सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने आज चुनावी मैदान की जगह संसद के पटल पर नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में एसपीजी संशोधन पर डीएमके सांसद ए राजा अपनी राय रख रहे थे ।इस दौरान ए राजा ने बयान में कहा था कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को क्यों मारा ? इसके बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर खड़ी हुई और उन्होंने कहा कि आप एक देशभक्त का उदाहरण नहीं दे सकते और उसके बाद फिर लोकसभा में हंगामा मच गया और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को सदन से बाहर कर दिया गया और उनके बयान को लोकसभा में रिकॉर्ड से हटा दिया गया. इसके बाद फिर क्या था आरोप-प्रत्यारोप कारवाई और बयानबाजी का दौर शुरू हुआ जिस पर बीजेपी प्रवक्ता बोले कि पार्टी इस पर कार्यवाही करेगी और जब प्रज्ञा ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इसका जवाब हम कल दूंगी। .जैसा कि हम, आप और सब जानते हैं की प्रज्ञा ठाकुर का यह गोडसे प्रेम कोई नया नहीं है इससे पहले भी चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त बताया था और तब उनके ऊपर इलेक्शन कमिशन में 48 घंटे का बैन लगाया था और कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मुद्दा बनाया था। एक बात तो तय है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल से लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के नेता दिग्गज दिग्विजय सिंह को हराया था और साथ-साथ विवादित बयान के सभी महारथियों भी चुनाव के दौरान हरा दिया था। जब प्रधानमंत्री मोदी जी से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे वाले बयान के बारे में पूछा गया था, तब उन्होंने कहा था कि वह उनको बोल कर माफ कर दे पर कभी दिल से माफ नहीं करे पायेंगे और फिर क्या था दिन बीतते गए समय बीतता गया और यह मामला समय के साथ -साथ कागज में और आरोपों के दौर में छिप गया और साध्वी को सजा के बदले इनाम मिल गया ,जब उन्हें राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली डिफेंस कमेटी का मेंबर बना दिया गया यह बात तो तय है कि जिस तरह से महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन हो रहा है ।वह देश के लिए नई विडंबना बनता जा रहा है !
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि राजनीतिक पार्टी इस मामले को मुद्दा बनाकर कैसे सियासी चाल चलती है और कैसे सत्ता का रास्ता अपनाती है ?
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