9 नवंबर 2019,शिवानी पाल
एक बार फिर करतारपुर कॉरिडोर जाने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भ्रमित कर दिया है कि तीर्थ के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी,
ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के साथ जोड़ने की सहमति से लेकर करतारपुर कॉरिडोर बनने तक कोई ना कोई टिप्पणी पाकिस्तान की ओर से आती रही है और अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तानी सेना ने झूठा साबित कर दिया है,सेना ने भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की जरूरत होगी जबकि इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने 1 नवंबर को अपने ट्वीट में कहा था कि करतारपुर आने वाले भारतीयों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं है बस उनके पास एक वैध दस्तावेज होना चाहिए इसके साथ ही श्रद्धालुओं को 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराने की बाध्यता से छूट दे दी गई है और अब इमरान खान की सेना ने ही उनकी कही बातों को नकार दिया है,
पाकिस्तान अपने पैंतरे दिखाए बिना बाज़ नहीं आता,
यात्रा के दो दिन पहले पाकिस्तानी सेना और सरकार के बयानों का सिलसिला जारी हो गया है, शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर को आधिकारिक तौर पर भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए खोला जाना है लेकिन अभी तक पाकिस्तान इसे लेकर अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है, दोनों देशों के बीच कॉरिडोर संचालन के लिए एक विस्तृत समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं लेकिन तीर्थ यात्रियों के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता को लेकर पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना आमने सामने दिख रही है,
पाकिस्तानी सेना का कहना है यात्रा के दौरान पासपोर्ट लाना अनिवार्य है ,वही प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है की पासपोर्ट अनिवार्य नहीं है ।अब समझने की बात यह है कि कॉरिडोर से जुड़े हर मुद्दे पर समझौता हो चुका है तो यात्रा से 2 दिन पहले यह भ्रम फैलाने की क्या जरूरत है ?







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