11 जून 2020, अनुष्ठा सिंह
नई दिल्ली: पुरी दुनिया इस वक़्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है लेकिन पाकिस्तान अपनी निच हरक़त से वाज नही आ रहा है और ये पुरा का पुरा मामला तब हुआ है जब इस बार पाकिस्तान में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक मोर्चा खुल गया अब इसे आप चाहे तो गलती मान सकते हैं या पाकिस्तान की कोई नयी चाल जिसका अंजाम सिर्फ और सिर्फ होता है आतंकवाद.. जब भी भारत और पाकिस्तान का नाम सामने आता है तो मन में कई तरह के सवाल उठने चालु हो जाते है कभी बात युद्ध की होती है तो कभी सिमा पर हो रहे पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को बढ़ाबा देने की… लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है अब भारत नहीं पाकिस्तान ने भी माना कश्मीर भारत का हिस्सा..
हुआ ये की कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा लेकिन पाकिस्तान इसे आजादी के बाद आज तक स्वीकार नहीं कर पाया है और कश्मीर के कुछ हिस्सों पर कब्जा जमाए बैठा है. लेकिन इस बार पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल पीटीवी ने ‘गलती’ से हीं इस सच्चाई को मान जरूर लिया है.किसी भी बात में दरअसल कश्मीर की रट लगाने वाले पाकिस्तान के इस सरकारी चैनल ने पीओके की जनसंख्या को बताते हुए कश्मीर को भारत का हिस्सा बता दिया. और फिर इस्लामाबाद से लेकर लौहार तक सियासी में बवाल मच गया.
पाकिस्तान अपनी निच हरकत को अंजाम देते हुए सरकारी टीवी चैनल पीटीवी ने ‘पाकिस्तान का ग़लत नक़्शा’ प्रसारित करने के आरोप में अपने दो कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. इस नक़्शे में कश्मीर के उस हिस्से को भारत का हिस्सा दिखा दिया गया था जिसे पाकिस्तान अपना हिस्सा कहता है लेकिन भारत उसपर अपना दावा जताता है.
पीटीवी पर इस नक़्शे के प्रसारित होने पर पाकिस्तान में विवाद खड़ा हो गया और संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 8 जून को इस विषय पर चर्चा भी हुई.इसके बाद सीनेट के चैयरमैन सादिक़ संजरानी ने मामले को सूचना एवं प्रसारण पर संसदीय समिति के पास भेज दिया था.
बढ़ते विवाद के बीच बुधवार को पीटीवी ने दो कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की जानकारी ट्विटर पर दी.
पीटीवी ने कहा है,”6 जून को पीटीवी न्यूज़ पर पाकिस्तान का ग़लत नक़्शा प्रसारित होने के लिए ज़िम्मेदार दो अधिकारियों की नौकरी समाप्त कर दी गई है.”
पाकिस्तान सरकार के कुछ मंत्रियों ने इस बारे में खुलकर सोशल मीडिया पर पीटीवी की आलोचना की थी.
वहीं पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मज़ारी ने कहा था कि ये लापरवाही और आलस की वजह से हो रहा है.
शिरीन मज़ारी ने लिखा, “इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता पर ये केवल लापरवाही और आलस की वजह से होता है – गूगल से मैप उठाया और बिना चेक किए इस्तेमाल कर लिया. मुझे अफ़सोस है कि कुछ लोग नक्शों की अहमियत को नहीं समझते.”
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर विवाद कई दशक पुराना है. हाल के दिनों में दोनों देशों में कश्मीर के मौसम की भविष्यवाणी को लेकर तकरार शुरू हो गई है.
पिछले महीने भारत के सरकारी प्रसारकों ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के मीरपुर, मुज़फ़्फ़राबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे इलाक़ों के लिए भी मौसम की जानकारी देनी शुरू की है. पाकिस्तान ने इसे लेकर सवाल उठाया और फिर उसके सरकारी प्रसारकों ने भी भारतीय कश्मीर के श्रीनगर और पुलवामा तथा जम्मू और लद्दाख का तापमान बताना शुरू कर दिया.
दोनों देशों के बीच कश्मीर को बाँटने वाली नियंत्रण रेखा दुनिया की सबसे ज़्यादा सैन्य मौजूदगी वाली जगहों में से एक है जहाँ हमेशा विवाद होता रहता है जिसमे कभी आर पार के लड़ाई दिखती है तो कभी युद्ध की आहट सुनाई देती है.
अंत में आपको ये भी जानना होगा की भारत ने अगस्त 2019 में भारत प्रशासित कश्मीर के विशेषाधिकार समाप्त कर दिए थे और उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. सोचने वाली बात है की पाकिस्तान कब तक कश्मीर को अपना हिस्सा मानता रहेगा और बार बार अपनी निच हरक़त का अंजाम देता रहेगा….
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