Sajal Singh

नेपाल के पीएम KP OLI ने सोमवार को बाल्मिकी रामायण का नेपाली अनुवाद करने वाले नेपाल के आदिकवि भानुभक्त की जन्म जयन्ती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया है।
उन्हीं कहा है कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है। जबकि, असली अयोध्या नेपाल में है।
नेपाल के पीएम ओपी शर्मा ओली ने कहा कि हमलोग आज तक इस भ्रम में हैं कि सीता का विवाह जिस राम से हुआ है, वह भारतीय हैं. वह भारतीय नहीं बल्कि नेपाली ही है. जनकपुर से पश्चिम में रहे बीरगंज के पास ठोरी नामक जगह में एक बाल्मिकी आश्रम है, वहां के ही राजकुमार राम थे. बाल्मिकी नगर नामक जगह अभी बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले में है, जिसका कुछ हिस्सा नेपाल में भी है।
इसी बयान पर अयोध्या के संत भड़क उठे है।
रामदास महाराज ने कहा कि मेरे लाखों शिष्य नेपाल में रहते हैं और कल से लाखों की संख्या में भक्त सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे और ओली को सत्ता से बाहर करने। किए भी उन्होंने कहा है।
उन्होंने। यभी कहा कि नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली को एक महीने के अंदर कुर्सी से उतरना पड़ेगा. यह धर्मादेश वाह जारी रहे है।
राम दल के अध्यक्ष रामदास महाराज ने कहा कि पूरे विश्व की सांस्कृति राजधानी अयोध्या है. वेद, रामायण या पुराण में देखा जाए तो उसमें साफ लिखा है कि जहां सरयू है, वहां अयोध्या है. नेपाल में तो सरयू है ही नहीं. पूरे भू-मंडल में राजा होते थे और सबका चक्रवर्ती सम्राट भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या के महाराज होते थे.
वहीं, धर्मगुरू महंत ने बड़ी बात कहा कि केपी शर्मा खुद नेपाली नहीं हैं. केपी शर्मा पूरे नेपाल को पाकिस्तान की तर्ज पर भिखारी बनाने पर तुले हैं. नेपाल की जनता को धोखा दे रहे हैं. चीन ने नेपाल के दो दर्जन से अधिक गांव पर कब्जा कर रखा है. उसको छिपाने के लिए भगवान राम के नाम का आश्रय ले रहे हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि उनके लिए अयोध्या एक है और अयोध्या यही रहेगा. राजनीति में कोई कुछ भी बोल सकता है, लेकिन मुख्य अयोध्या वह है, जहां सरयू माता हैं. राम जी का अयोध्या यही है.
अब देखना ये होगा कि प्रधानमत्री KP-Oli और क्या क्या बयान देते है भारत। क्खिलाफ और क्या इन सबसे भारत और नेपाल के रिश्ते पर फर्क पड़ेगा?
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