निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, माता पिता ने कोर्ट रूम में बजाई ताली
नई दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले राजधानी के निर्भया गैंगरेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की मौत की सजा की बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले को कायम रखते हुए अपना फैसला सुनाया। तीनों जजों ने एक राय से यह सजा सुनाई है। इस फैसले के आते ही निर्भया के माता-पिता और कोर्ट में मौजूद अन्य लोगों ने तालियां बजाई। अदालत ने चारों दोषियों मुकेश, विनय, अक्षय़ और पवन की अपील को खारिज कर दिया और उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखी।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चारों दोषियों ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। निर्भया गैंगरेप एक बर्बरतापूर्ण अपराध था जिससे पूरे देश में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। राजधानी दिल्ली ही नहीं देश के अन्य शहरों में भी कैंडल मार्च निकाले गये थए और धरना-प्रदर्शन हुए थे और दोषियों को फांसी देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने संभवतः अपने फैसले से यह संदेश देने की पुरजोर कोशिश की इस तरह के अपराध में किसी तरह की नरमी को कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने माना है कि इस तरह की वहशियाना कांड का पता दोषियों को था। इस जघन्य अपराध से पूरे देश में शोक की लहर थी।
न्याय़ाधीश दीपक मिश्रा ने अदालत में फैसला सुनाया। अदालत ने स्वीकार किया कि देश को झकझोर देने वाले इस मामले में प्रस्तुत की गईं दलीलें दोषियों को किसी तरह से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं है। उल्लेखनीय है कि जस्टिस दीपक मिश्रा को महिलाओं के मामलों में काफी संवेदनशील माने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में एक फैसले में कहा था कि किसी महिला को मोहब्बत करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। महिलाओं को भी इसके लिए न कहने का अपना अधिकार है।
(निर्भया कांड के चारों दोषी)
अदालत ने क्या कहा
-यह क्रूर अपराध ही नहीं द्वेषपूर्ण और निर्दयतापूर्ण किया गया मामला है।
-इस तरह के मामले में लोगों को विश्वास तभी आएगा जब कठोरता के साथ फैसला हो
-मामला रेरेस्ट आफ रेयर है और सामाजिक विश्वास को तोड़ने वाला है
-अदालत ने कहा कि घटना को देखकर प्रतीत होता है कि यह घटना किसी और ग्रह की है। पूरी घटना में उत्तेजक फैक्टर कहीं अधिक था
-वारदात शॉक की सुनामी जैसी थी, जिससे पूरा समाज हिल गया
क्या था मामला
दिल्ली के वसंत विहार क्षेत्र में 16 दिसंबर 2012 की रात करीब साढ़े नौ बजे निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था। उसके साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया गया था। साथ ही उसके दोस्त की पिटाई भी की गई थी। दोनों द्वारका जाने के लिए किसी वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी एक चार्टर्ड बस में सवार उसके कर्मचारियों ने उन्हें बस में बैठ लिया और निर्भया के साथ गैंगरेप किया था। दोनों को मरा हुआ समझ कर बस कर्मचारी उन्हें बस से नीचे गिरा कर भाग गये थे। बाद उन्हें आधी रात को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के दस दिन बाद निर्भया को उच्च चिकित्सा के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां उसने दम तोड़ दिया था।
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