20 फरवरी 2020
नेहा पाण्डेय.
दिल्ली चुनाव का वक्त खत्म भले हुई है पर राजनीतिक गलियारों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कभी खत्म नहीं हो रहें हैं,बीजेपी नेताओं द्वारा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ का हैंडलर बताए जाने पर सियासत गरमा गई है. अब दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि वह बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव और अमित मालवीय दोनों को मानहानि का नोटिस भेजेंगे.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, दिग्विजय सिंह ने कहा, “मुझे पता चला है कि बीजेपी प्रवक्ता नरसिम्हा राव और अमित मालवीय ने मुझ पर आईएसआई का एजेंट होने का आरोप लगाया है. अगर ऐसा है तो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह सक्षम हैं मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मैं राव और मालवीय के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजूंगा.”
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने अपनी किताब में खुलासा किया गया है कि 26/11 के आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई की इसे हिंदू आतंकवाद का हिस्सा साबित करने की साजिश थी. इसलिए कसाब सहित सभी आतंकियों के हिंदू नाम के पहचान पत्र दिए गए थे. उनके हाथ मे हिंदुओं का पवित्र धागा रक्षा बंधन भी बांधा गया था. मारिया ने लिखा है कि अगर कसाब जिंदा नहीं पकड़ा जाता तो दुनिया उसे हिंदू आतंकी हमला मानती.
इससे पहले, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा था कि हम कांग्रेस के हिंदू आतंकवाद के विचार और लश्कर-ए-तैयबा तथा आईएसआई की 26/11 की रणनीति के बीच के कनेक्शन को देख सकते हैं. क्या भारत का कोई व्यक्ति आतंकवादियों को हिंदू पहचान दिलाने के लिए हैंडलर के रूप में आईएसआई की मदद कर रहा था? क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर के रूप में काम कर रहे थे ? कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए.
वहीं, बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में कहा, “मुंबई में 26/11 हमले के तुरंत बाद, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बॉलिवुड के चीयरलीडर्स के साथ एक बुक लॉन्च में RSS को दोषी ठहराया था और कहा था कि ‘इस किताब में कहीं भी आप 26/11 हमले में पाकिस्तानी आंतकवादियों की संलिप्तता नहीं देख सकते. क्या वास्तव में उन्होंने वही कहां जो पाकिस्तान चाहता था ?
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