26 December Krashnan Shukla
झारखंड की नई विधानसभा में आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज है. चुनाव आयोग को दिए गए शपथपत्र के हिसाब से राज्य की नवनिर्वाचित विधानसभा में इस बार 81 में से 41 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. अगर 2014 की बात करें तो 55 विधायकों के रिकॉर्ड में अपराध का कॉलम भरा हुआ था. कुल सीटें जीतने में भले ही जेएमएम को भाजपा नहीं पछाड़ सकी हो, लेकिन बाहुबली विधायकों को जिताने के मामले में वह जेएमएम के करीब पहुंचती दिख रही है.
इस बार विधानसभा में कुल सदस्यों का 65.43 प्रतिशत यानी 53 विधायक ऐसे पहुंचे हैं, जिन्होंने अपने शपथ पत्र में अपनी संपत्ति का ब्योरा करोड़ों में भरा है. लेकिन 2014 विधानसभा चुनावों में ऐसे विधायकों की संख्या 81 में से महज 41 यानी 51 फीसदी की थी.
अगर नये विधायकों के रिकॉर्ड पर नजर डाला जाए तो झामुमो के 17 विधायकों पर केस दर्ज है. बीजेपी से जीतकर आए ऐसे विधायकों की संख्या 11 है. कांग्रेस के 8 विधायकों पर मुकदमा चल रहा है. जेवीएम के 3 विधायकों पर केस दर्ज हैं. सीपीआईएमल का एक विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं, लेकिन उन पर भी केस दर्ज है. एनसीपी और आरजेडी के एक विधायक पर भी केस दर्ज है.
बता दें कि चुनाव से पहले एडीआर की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि 1216 उम्मीदवारों में से 335 पर सामान्य अपराध और 222 के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप दर्ज हैं. इस बार विधानसभा में चुने गए विधायकों पर जहां लोगों से धोखाधड़ी और अन्य तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं, वहीं हुसैनाबाद से एनसीपी से चुने गए कमलेश कुमार सिंह, मांडर से जेवीएम के विधायक बंधु तिर्की और पांकी से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता के खिलाफ विभिन्न मामलों में सीबीआई जांच चल रही है.
कमलेश कुमार सिंह और चतरा से आरजेडी से जीते सत्यानंद भोक्ता पूर्व की राज्य सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. सत्यानंद के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा चल रहा है. गढ़वा से जेएमएमविधायक मिथलेश ठाकुर के खिलाफ हत्या के आरोप में ट्रायल चल रहा है. सिमडेगा से कांग्रेस विधायक भूषण के खिलाफ महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा चल रहा
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