27 March 2020, Shivani Rajwaria
चीन के वाहन शहर से चले इस वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है वहीं कश्मीर के छात्र जो वहान में फंसे थे ।उनकी भारत वापसी हुई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारत लौटे कश्मीरी छात्रों से बात की है।इन छात्रों ने पीएम मोदी के साथ अपना अनुभव साझा किया।
पीएम मोदी से फोन पर बात करते हुए एक छात्र ने कहा कि वुहान में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो मेडिकल का छात्र होने के बावजूद वह डर गया था.
कश्मीर के बनिहाल के रहने वाले निजामुर रहमान ने पीएम से बातचीत में भारत सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि वुहान में हालात खराब होते उससे पहले ही भारत सरकार ने उन लोगों को वहां से निकाल लिया. बता दें कि निजामुर रहमान 60 कश्मीरी छात्रों के साथ वुहान से एअर इंडिया के जरिए भारत आया था.
जेल नहीं है लॉकडाउन
पीएम ने जब रहमान से उसका अनुभव पूछा तो उसने कहा कि वुहान में उसका अधिकतर समय लॉकडाउन में गुजरता था. बातचीत के दौरान पीएम ने कहा कि लोग समझते हैं कि लॉकडाउन जेल जैसा है, लेकिन ऐसा नहीं है.
पीएम की बातों से सहमति जाहिर करते हुए रहमान ने कहा कि कोरोना का मुकाबला करने के लिए लॉकडाउन बेहद जरूरी है. उसने कहा कि लॉकडाउन के जरिये ही इस बीमारी के संक्रमण को रोका जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे के नायडू अस्पताल की नर्स छाया से भी बात की और उनका आभार जताया. छाया ने पीएम से कहा कि मुझे अपने परिवार की चिंता है, लेकिन इस घड़ी में लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य भी है. मैं दोनों तरफ मैनेज कर रही हूं. बता दें कि चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोरोना वायरस के संक्रमण का केंद्र रहा है. इस शहर से ही कोरोना के वायरस दूसरे शहरों में फैला.
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