4 दिसंबर 2019, दिव्यांश यादव
*वक्त का कुछ पता नहीं,कब बदल जाए* जी हां ये बात आज पुरी तरह सटीक बैठ रही है भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर !
उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कभी सोचा भी नहीं होगा की वो जेल के अंदर 107 दिनों तक रहेंगे, जी हां 107 दिनों तक जेल की रोटियां तोड़ने वाले पी. चिदंबरम साहब को अब जमानत मिल गई है !
107 दिनों से हिरासत में चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख रुपये के मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दे दी है। अब वह जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे। अदालत ने कहा कि चिदंबरम जमानत पर छूटने के बाद गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नही करेंगे और कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नही जाएंगे। साथ ही केस के बारे में प्रेस ब्रीफ़िंग नही करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर अपराध होते हैं, लेकिन जमानत का भी कानूनी प्रावधान हैं। कोर्ट ने कहा, ‘जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। जमानत देना कानून के प्रावधान में है।’ कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है।
जबकि ईडी की ओर से दलील दी गई कि 12 बैंक अकाउंटों की पहचान की गई है, जिसमें अपराध से संबंधित रकम जमा की गई है। दूसरे देशों में संपत्ति खरीदे जाने का भी डिटेल है। तुषार मेहता ने दलील दी थी कि आर्थिक अपराध भी गंभीर अपराध है और इससे समाज प्रभावित होता है।देश से बाहर बेनामी संपत्ति है और ये याचिकाकर्ता के परिवार से जुड़ा हो सकता है. संपत्ति इनसे और अन्य सह आरोपियों से जुड़ा हो सकता है। अदालत में मेहता ने दलील दी कि अगर चिदंबरम को जमानत दी गई तो गवाह खतरे में आ सकते हैं।
अब आपको बताते है ये केस क्या था ,दरअसल आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त करने के संबंध में अनियमितता पाई गई थीं। यह पाया गया था कि फंड के लिए क्लियरेंस देने में विदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) में गड़बड़ियां हुई थीं, उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे, सीबीआई ने मई 2017 को चिदंबरम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कांग्रेस नेता पर आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को लाइसेंस देने के बदले उन्होंने अपने पुत्र की कंपनी को मदद करने का प्रस्ताव रखा था। उन पर पद का दुरुपयोग, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है !
अब सोचने वाली बात ये है चिदंबरम को जमानत तो मिल गई लेकिन कांग्रेस चिदंबरम के इस दाग़ को कब तक धो पाएगी?
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