सर्वप्रथम हम को ये जानने की जरूरत है की राष्ट्र क्या है ?

राष्ट्र का अर्थ है दुनिया के किसी भी कोने में रहते हुए भी अपने देश के संस्कारों और संस्कृति का पालन करना अर्थात अपने देश के प्रति सम्मान और प्रेम रखना , इसकी कोई भौगोलिक सीमाएं नही होती ।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शुरुआती दौर से ही हिंदू परंपराओं और संस्कृतियों का सम्मान और प्रचार करता है और इनका लक्ष्य है एकता और अखंडता बनाए रखना और देश की रक्षा करना । हमारा भारत शुरुआत से ही हिंदू राष्ट्र है क्युकी हिंदू परंपरा और संस्कृति पूरे विश्व में फैली है ।

विभाजन और धर्मनिरपेक्ष घोषित होने और देश आजाद होने के बाद जब देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा थाlजब देश के लोग बूखे मर रहे थे और जब देश के लोग अपनी संस्कृति को भूल रहे थे, तब इस संघ ने पूरे देश को अपने मार्गदर्शन से एकता के सूत्र में पिरोए रखा ।1954 को संघ ने जगनाथ राव के मार्गदर्शन से गोवा को साथ में एक जुट होकर पुर्तगालियों से आजाद करवाया ।

2 अगस्त 1954 में सिलवासा में भी पुर्तगालियों का झंडा उतारकर तिरंगा फहराया और दादरा नगर हवेली को भी भारत के नाम कर दिया । बटवारे के बाद भी जब कश्मीर के लिए भी संघ के कई सदस्यों ने अपनी जान गवा दी और अब भी संघ देश की सेवा में लगे हुए है चाहे कोई सी भी आपदा आए सबसे पहले संघ मदद के लिए आगे रहता है और रहता रहेगा ।
इन सबके बाद हमारे मन में एक प्रश्न आता है की क्या संघ मुस्लिम विरोधी है ?

संघ किसी भी जाति या धर्म में भेदभाव नही करता वो सिर्फ देश की सेवा देश को मां मान कर करता है वो किसी भी धर्म को बड़ा या छोटा नही मानता इसी भाव को जताने के लिए 2002 में संघ ने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संघ की स्थापना की , वर्तमान में मुस्लिम संघ की सदस्यता लाख मे हो गई है । वर्तमान के सरसंचालक मोहन मधुकर राव भागवत ने एक सभा में कहा था की मुसलमान भारत का अभिन्न अंग है और मुसलमानो के बिना भारत की कल्पना करना असंभव है ।

वर्तमान में देशभर में 83124 शाखाएं लगती है , संघ के विद्या भारती के लगभग 12754 स्कूल है , इसमें 149915 शिक्षक है और 32 लाख छात्र है । सामाजिक कार्यों के लिए सेवा भारती नाम का एक संघटन भी है जिसने 35000 से ज्यादा सामाजिक कार्यों किए है,इनके सम्मान के लिए 1962 में जवाहर लाल नेहरू ने संघ को गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया था। इसमें 3000 सेवको ने सबके सामने परेड करी थी और देश प्रेम को दर्शाया था
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का योगदान शुरुआत से ही प्रशंसा योग्य रहा है इनके लिए कुछ पंक्तियां समर्पित –
जी करता है इस धरती पर ,
हो मेरा सतबार जन्म ।
फांसी का फंदा में चूमू,
कहकर वंदे मातरम्।
कफन लिपटा हो मेरा ,
ऐसा ख्वाब मेरा सच होना ।
मैं रहू या ना रहूं,
ए भारत तू सदेव ही रहना।
Vidhi RAGHAV
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