जी. डी खोसले की पुस्तक” The murder of the Mahatma ” के अनुसार , नाथू राम ने 5 घंटे और 112 पन्नो में अपना बयान दिया था , बयान के अनुसार:- किसी महात्मा को भारत के टुकड़े करने का अधिकार नहीं होता ,गांधी ने कभी मस्जिद में गीता पढ़ने की कोशिश भी नही करी पर गांधी ने हिंदू मंदिरों में कुरान पढ़नी शुरू कर दी। साथ ही में शिवाजी , महाराणा प्रताप और गोविंद जैसे वीरो की निंदा भी करने लग गए।

गांधी ने अंग्रेजो के बांटो और राज करो एजेंडे में आगे बढ़ने में सहयोग किया था। इस पुस्तक के अनुसार जिस दिन गोडसे ने अपना पक्ष अदालत में रखा, उस दिन वहा मौजूदा लोगो की आंखों में आसूं थे।

पाकिस्तान के कश्मीरी हमला करने के बदजूद भी गांधी ने पाकिस्तान को बटवारे के बाद 55 करोड़ देने के लिए वलभ भाई पटेल और जवाहर लाल नेहरु पर राजनीतिक दबाव डाला,क्योंकि वलाभ भाई ने कहा था की जब तक पाकिस्तान कश्मीर पर हमले नही रोकता तब तक उसको बटवारे के पैसे नही मिलेंगे पर गांधी ने फिर से हमारा साथ छोड़ दिया और पाकिस्तान का साथ दिया।

मलगांवकर ने अपनी किताब The Man Who Killed Gandhi में विस्तार से बताया है। की गोडसे के वकील से अंबेडकर ने संपर्क किया था,उन्होंने गोडसे की फांसी को उम्रकैद को बदलवाने में मदद कर सकते है। गोडसे के वकील भोपटकर का बयान था की एक दिन अंबेडकर ने बताया कि नेहरू सावरकर को दोषी ठहराना चाहते है इसलिए सावरकर को सावधान रहने की जरूरत है ।
Vidhi Raghav
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