06 June 2020, Anushtha Singh
देश में कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से इकोनॉमी पस्त नजर आ रही है. देश में तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं की क्या होगा इकॉनमी का, तो रोजगार का हाल भी वेहद ख़राब है. सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात ये है की इकॉनमी को कैसे पटरी पर लाया जाए. देश में इस कोरोना नामक महामारी से उपजे हालात को काबू में करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है इसी कड़ी में कोरोना से टैक्स का भारी नुकसान को देखते हुए, एक बड़ा फैसले लिया है. इस हालात का असर सरकार की नई योजनाओं पर पड़ने लगा है. जिसे लेकर केंद्र सरकार ने आने वाले दिनों में नई योजनाओं की शुरुआत पर रोक लगा दी है. वित्त मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा अगले 9 महीनों या मार्च, 2021 तक नई योजनाओं की शुरुआत को रोक दिया है.
कोरोना की लड़ाई में आर्थिक संकट से जूझ रहे वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए किसी नई योजना की शुरुआत पर रोक लगा दी है. यह आदेश उन योजनाओं पर भी लागू होगा जिनके लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सैद्धांतिक अनुमोदन दे दिया है.
हालांकि, आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाओं पर कोई रोक नहीं रहेगी. सरकार की ओर से जारी आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि विभिन्न मंत्रालय नई योजनाओं की शुरुआत न करें. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना या आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत घोषित योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें.
वित्त मंत्रालय की ओर से 4 जून को जारी आदेश में कहा गया, ‘कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक वित्तीय संसाधनों पर अभूतपूर्व मांग है और बदलती प्राथमिकताओं के साथ संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है.’
कोरोना संकट के कारण वित्त मंत्रालय ने यह अहम फैसला लिया है, क्योंकि सरकार के पास राजस्व कम आ रहा है. लेखा महानियंत्रक के पास उपलब्ध रिपोर्ट से पता चलता है कि अप्रैल 2020 के दौरान 27,548 करोड़ रुपये राजस्व मिला.
वित्तीय संकट से जूझने की वजह से सरकार कर्ज भी ज्यादा ले रही है. बीते दिनों सरकार ने ऐलान किया था कि वह चालू वित्त वर्ष के लिए अपने बाजार से कर्ज लेने का अनुमान 4.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये करेगी. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि वित्त वर्ष 2020-21 में अनुमानित कर्ज 7.80 लाख करोड़ रुपये के स्थान पर 12 लाख करोड़ रुपये होगा. क्या देश में विकास को गती देने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत जरूरी है या पुराने योजनाओं को सही समय के साथ सही लोगों तक सुचारु रूप से चलाने से हीं काफी हद तह विकास दर प्रगती पर रहेगा ?







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