विश्व भर में कोरोनावायरस से कोहराम मचा हुआ है. अब तक पूरी दुनिया में कोरोना से करीब 1करोड़ 25 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. हर देश को कोरोना वैक्सीन का इंतजार है और लगभग हर बड़ा देश इस तरफ अपनी पूरी ताकत से वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है.
आपको बता दें कि रूस में कोरोना वैक्सीन पर बाजी मार ली है रूस के सेचेनोव विश्वविद्यालय का दावा है कि उसने कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन तैयार कर लिया है, विश्वविद्यालय का कहना है कि वैक्सीन के सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया गया है. यदि यह दावा सच निकला तो कोरोनावायरस की पहली वैक्सीन होंगी.
परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था-
इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तारासोव ने बताया कि विश्वविद्यालय ने 18 जून 2020 को रूस के गेमली इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा निर्मिति टीके के परीक्षण प्रारंभ किए थे.
वदिम तारासोव ने कहा कि सोचेनोव विश्विदयाल कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के पहले टीके के हैं स्वयं सेवकों पर सफलतापूर्वक परीक्षण पूरे कर लिए हैं.
वहीं अगर रूस का यह दावा सच निकला तो कोरोनावायरस की यह पहली वैक्सीन होगी. इसके साथ ही दुनिया को कोरोनावायरस से निजात दिलाने का रास्ता भी रूस ने खोज निकाला है, हालांकि अमेरिका समेत दुनिया के तमाम विकसित मुल्क कोरोना पर वैक्सीन तैयार करने में जुटे हैं. कई तो ट्रायल के स्तर पर असफल भी हो चुके हैं, लेकिन रूस ने पहली वैक्सीन को सफल करार देकर बाजी मर ली है.
वैक्सीन के सभी पहलुओं की जांच कर ली गई है, खबर यह भी है कि लोगों की सुरक्षा के लिए वैक्सीन जल्द बाजार में सुलभ होगा. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस पूरे अध्ययन का मकसद मानव स्वास्थय की सुरक्षा के लिए कोविड-19 के वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था.
देखा जाए तो रूस कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देशो कि सूची में है.
और अगर रूस का दावा सच है तो पूरी दुनिया के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी है. विश्व के कई ताकतवर देश कोरोना कि वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी देश को ह्यूमन ट्रायल पर पूरी तरह से सफलता नहीं मिली.

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