Shubhashree Nayak
26 जनवरी के उग्र और हिंसक स्वभाव को बेचने के बावजूद दिल्ली सरकार ने दी किसानों को प्रदर्शन की इजाजत।
जंतर मंतर पर 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक दी गई है प्रदर्शन की अनुमति ।मगर इसी के साथ दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शर्तों के साथ प्रदर्शन की मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा शर्त के मुताबिक यह मार्च संसद तक नहीं निकालेंगे किसान।
(BKU)भारतीय किसान यूनियन के लिए राकेश टिकट सिंधु बॉर्डर पहुंच चुके हैं ।
उनके कहने के मुताबिक 200 किसानों को बस से जंतर मंतर ले जाया जाएगा।
किसानों के पहले प्रदर्शन के चलते 12 दौर की बातचीत हो चुकी है,
पहली बैठक – 14 अक्टूबर
दूसरी बैठक –13 नवंबर
तीसरी बैठक– 1 दिसंबर
चौथी बैठक– 3 दिसंबर
पांचवी बैठक – 5 दिसंबर
छठवीं बैठक –8 दिसंबर
सातवीं बैठक – 30 दिसंबर
आठवीं बैठक – 4 जनवरी
नौवीं बैठक – 8 जनवरी
दसवीं बैठकवीं –15 जनवरी
11वीं बैठक – 20 जनवरी
12 वीं बैठक– 22 जनवरी
तीनों बिल को हटाने के लिए हो रहा है विवाद ।
जिसके अंतर्गत कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य, कृषक संरक्षण कीमत आश्वासन , आवश्यक वस्तु संशोधन आते हैं। किसानों का सरकार से मांग है कि यह तीनों कानून वापस ले लिया जाए ,मगर 12 बैठकों के बावजूद कानून वापसी को लेकर कोई सुलह ;नहीं सरकार का कहना है कि इसमें बदलाव किए जा सकते हैं मगर वापस नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह किसानों के हित में है।
अब किसान की दिल्ली में वापसी से क्या होगा सरकार का अगला कदम।
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