26 दिसंबर 2019, शबाना बानो
NRC पर भारत में नेताओं ने कहीं समर्थन दिया तो कहीं जमकर विरोध किया ऐसे में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ कन्हैया कुमार NRC पर जमकर अपना विरोध जताते दिखे पर जब बात एनपीआर की हुई तो उन्होंने एनआरसी और एनपीआर को लेकर तंज कसा. NRC और NPR के बीच की तुलना उन्होंने गंगाधर और शक्तिमान का उदाहरण देते हुए किया है. कन्हैया कुमार ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ”NRC और NPR में उतना ही फ़र्क़ है जितना गंगाधर और शक्तिमान में.” मालूम हो कि NRC और NPR की बीच की तुलना को लेकर सियासी गलियारे में अजब सी खलबली मची हुई है.
मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू देने के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि NPR का NRC से कोई लेना-देना नहीं है, ये बहुत अलग तरह की प्रक्रिया है. इसी बयान को लेकर अब कई विपक्ष के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सवाल उठाया था और कहा कि गृहमंत्री देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं? संसद में उन्होंने कहा था कि ओवैसी जी एनआरसी पूरे देश में लागू होगा. अमित शाह साहब, जब तक सूरज पूरब से उगता रहेगा हम सच कहते रहेंगे. एनपीआर एनआरसी की ओर पहला कदम है.
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था कि यह NRC का ही दूसरा नाम है.
ओवैसी के इस बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में तंज कसा. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि अगर हम कहेंगे कि सूरज पूरब में उगता है तो वो कहेंगे कि नहीं…नहीं यह पश्चिम में होता है. ये उनका स्टैंड होता है और इस पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है. फिर भी मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि इसका NRC से कोई लेना-देना नहीं है, ये बहुत अलग तरह की प्रक्रिया है.बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि मैं आज स्पष्ट रूप से बता रहा हूं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के बीच कोई संबंध नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में NRC को लेकर अभी चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है. पीएम मोदी (PM Modi) सही थे, इसे लेकर अब तक न तो मंत्रिमंडल में कोई चर्चा हुई है और न हीं संसद में.
अब सवाल यह उठता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों की दो मेल बातें आखिर जनता कैसे जोड़े . इन तमाम सवालों में जनता NRC और NPR के बीच में घिरी हुई है.
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